किसानों की तरक्की और अधिक रचनात्मक राजनीतिक माहौल बनने व एमएसपी के मुद्दे का जल्द हल होने की उम्मीद जताई
पंजाब लोक कांग्रेस की ओर से किसानों का लगातार समर्थन दोहराया
CHANDIGARH: पंजाब लोक कांग्रेस के प्रमुख कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक चले आंदोलन के जीत के साथ अंत होने किसानों को बधाई दी है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि इससे देश के आर्थिक विकास और स्थिरता की रीढ़ हड्डी कृषि समुदाय के लिए और रचनात्मक राजनीतिक माहौल पैदा होगा।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुशी प्रकट की है कि किसानों की लड़ाई अपने निर्णायक अंत तक पहुंची है और उत्तर प्रदेश व हरियाणा की सरकारों ने सैद्धांतिक तौर पर पंजाब में उनकी पिछली सरकार की तर्ज पर आंदोलन के दौरान अपनी जानें गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की हामी भरी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने क्रमशः दिसंबर 2020 और जनवरी 2021 में कृषि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया था।
यहां जारी एक बयान में पूर्व मुख्यमंत्री ने राहत प्रकट की है कि बीते साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डटकर आंदोलन चलाने वाले किसान, किसान मजदूर और उनके परिवार आखिरकार अपने घरों को लौटेंगे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उम्मीद जाहिर की कि एमएसपी का मुद्दा भी जल्द हल हो जाएगा, जिसके लिए केंद्र ने कमेटी गठित की है और इससे किसानों को राहत मिलेगी। उन्होंने यह भी उम्मीद जाहिर की कि भविष्य में कृषि समुदाय से संबंधित कानून और फैसले इससे जुड़े लोगों की सलाह के बाद आपसी सहमति के साथ लिए जाएंगे, जो स्वतंत्रता के बाद से भारत की प्रगति में आगे रहे हैं।
उन्होंने अपनी पार्टी की ओर से किसानों को पूरा समर्थन देने की बात पर जोर देते हुए कहा कि बीते समय की तरह वह अब भी किसानों के हितों की रक्षा और उनके कल्याण हेतु अपनी पूरी ताकत लगा देंगे। कैप्टन अमरिंदर ने खुलासा किया कि पंजाब का मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने न सिर्फ खेती कानूनों को रद्द करवाने के लिए किसानों की लड़ाई का समर्थन किया था, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया था कि राज्य में बैठकर धरना देते हुए या फिर दिल्ली की ओर मार्च करते हुए उन्हें किसी भी तरह की परेशानी ना हो।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जून 2020 में तीन खेती अध्यादेशों को रद्द करवाने हेतु उन्होंने सर्व पार्टी बैठक भी बुलाई थी। उनकी सरकार इन अध्यादेशों को रद्द करने के लिए संकल्प लाई थी, जिसे अगस्त महीने में पंजाब विधानसभा द्वारा पास किया गया था।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनके द्वारा उठाए गए ये कदम शिरोमणि अकाली दल की नीति के बिल्कुल विपरीत थे, जो इन अध्यादेशों को लाने के बाद किसानों के विरोध की निंदा कर रहे थी और आम आदमी पार्टी इनमें से एक कृषि कानून को दिल्ली में लागू करने में व्यस्त थी, जबकि किसान सड़कों पर अपनी जिंदगियों से लड़ रहे थे।
इसके अलावा, वह बीते 18 महीनों में विभिन्न स्तरों पर किसान यूनियनों और केंद्र सरकार के नेतृत्व के साथ व्यक्तिगत रूप से मिले, ताकि इस मुद्दे का शांतिपूर्ण हल निकाला जा सके।