सी-फार्म से सम्बन्धित 1.50 लाख मामलों में मूल्यांकन से छूट
अतिरिक्त मांग का 70 प्रतिशत भरने से भी व्यापारियों को छूट दी, अब सिर्फ 30 प्रतिशत हिस्सा ही जमा करवाना होगा
CHANDIGARH: राज्य भर के कारोबारों को बड़ी राहत देते हुए पंजाब मंत्रीमंडल ने साल 2014-15 से लेकर 2017-18 तक के चार सालों के ‘सी’ फार्म से सम्बन्धित मामलों में से लगभग 1.50 लाख मामलों को मूल्यांकन से मुक्त कर दिया गया है।
इस कैटागरी के अधीन हरेक साल अब सिर्फ़ 8500 के लगभग मामलों का ही मूल्यांकन होगा। व्यापारियों पक्षीय फ़ैसले से राज्य के ख़जाने पर 200 करोड़ रुपए का वित्तीय भार पड़ेगा।
यह फ़ैसले आज बाद दोपहर पंजाब भवन में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में मंत्रीमंडल की मीटिंग के दौरान लिया गया।
राज्य में व्यापारिक और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मंत्रीमंडल ने किसी केस में निर्धारित की गई अतिरिक्त माँग का 70 प्रतिशत हिस्सा भरने से छूट दे दी है और व्यापारी को अब अतिरिक्त माँग का 30 प्रतिशत ही जमा करवाना होगा। इस फ़ैसले से ख़जाने पर लगभग 940 करोड़ रुपए का वित्तीय खर्चा वहन करना पड़ेगा।
इसके साथ उनको अब अतिरिक्त माँग के 30 प्रतिशत हिस्से की 20 प्रतिशत राशि भरनी होगी और बाकी का 80 प्रतिशत 31 मार्च, 2023 तक भरना होगा।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने हाल ही में कोविड महामारी के मद्देनज़र कारोबारियों के हित में कई अहम फ़ैसले लिए हैं। चाहे कि वैट के दौर को ख़त्म हुए को लगभग साढ़े चार साल हो चुके हैं परन्तु व्यापारियों पर वैट के मूल्यांकन का काफ़ी बोझ था और ‘सी’ फार्म आदि को मुहैया करवाने में भी काफ़ी दिक्कतें आ रही थीं।
पी.एस.आई.डी.सी, पी.एफ.सी और पी.ए.आई.सी. के बकाए के निपटारे के लिए एकमुश्त निर्णय नीति-2021 को मंज़ूरी
उद्यमी और कर्ज़दार कंपनियों के उद्योगपतियों को एक विलक्षण मौका प्रदान करके राज्य में उद्योगों की पुनः स्थापति और बहाली के लिए मंत्रीमंडल ने पंजाब राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमटिड (पी.एस.आई.डी.सी.), पंजाब वित्त निगम (पी.एफ.सी.) और पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोरेशन (पी.ए.आई.सी.) के लिए एकमुश्त निर्णय (ओ.टी.एस.) नीति -2021 को मंजूरी दे दी जिससे वह इस नयी नीति के द्वारा अपने बकाए का निपटारा कर सकें।
यह नीति इन निगमों और निजी निवेशकों के दरमियान लम्बे समय से लटकते मुकदमे को सुलझाने और निपटारे के अलावा राज्य में कारोबार अनुकूल माहौल सृजन करने में मदद करेगी।
घड़ूआं, राजासांसी और दोरांगला को सब-तहसीलों के तौर पर अपग्रेड करने को हरी झंडी
लोगों को उनकी रिहायश के पास के क्षेत्रों में सुचारू ढंग से नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए मंत्रीमंडल ने घड़ूआं (एस.ए.एस. नगर), राजासांसी (अमृतसर) और दोरांगला (गुरदासपुर) को सब-तहसील के तौर पर अपग्रेड करने की मंजूरी दे दी है। घड़ूआं को सब-तहसील के तौर पर अपग्रेड किया जायेगा जिसमें एक कानूनगो सर्कल, 11 पटवार सर्कल और 36 गाँव होंगे, दोरांगला में 2कानूनगो सर्कल, 16 पटवार सर्कल और 94 गाँव होंगे, जबकि राजासांसी में 3कानूनगो सर्कल, 18 पटवार सर्कल और 4गाँव शामिल होंगे।
लखीमपुर खीरी कांड के पीड़ित परिवारों को वित्तीय सहायता के लिए कार्य-बाद मंजूरी
मंत्रीमंडल ने चार किसानों और एक पत्रकार, जिनकी 02 अक्तूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश) में घटी दुर्भाग्यपूर्ण घटना में मौत हो गई थी, के परिवारों /कानूनी वारिसों को पंजाब सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री राहत फंड में से पहले जारी किये गए कुल 2करोड़ रुपए में से 50-50 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कार्य-बाद मंजूरी दे दी है।