कहा- अगर भर्ती घोटालों में सरकार संलिप्त नहीं तो जांच से संकोच क्यों ?
जिन लोगों पर भर्ती घोटाले का आरोप लगाते हैं, उन्हीं के समर्थन से सरकार चला रहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल अब 11 की बजाय 26 दिसंबर को होगा नूंह में ‘विपक्ष आपके समक्ष’ कार्यक्रम
CHANDIGARH: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा जानकारी दी है कि 12 दिसंबर की दिल्ली रैली के चलते 11 को नूंह में होने वाले ‘विपक्ष आपके समक्ष’ कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है। 12 तारीख को हमारी पार्टी कांग्रेस की दिल्ली में महंगाई के खिलाफ बड़ी रैली है। इसलिए अब 26 दिसंबर को नूंह में विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम होगा। हुड्डा ने कहा कि इस कार्यक्रम से पहले और दूसरे पड़ाव में करनाल और जींद में सफल आयोजन हो चुके हैं। बड़ी तादाद में लोग अपनी समस्याएं लेकर विपक्ष के समक्ष पहुंच रहे हैं। इन तमाम मुद्दों और समस्याओं को पार्टी की तरफ से विधानसभा में उठाया जाएगा।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज एक बयान जारी करते हुए कहा कि एचपीएससी और एचएसएससी में भ्रष्टाचार चरम पर है। बावजूद इसके सरकार उच्च स्तर पर बैठे लोगों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। इस सरकार के मेरिट और पारदर्शिता वाले दावे की पोल खुल चुकी है। दोनों ही चीजें नोटों में बिक रही है। एचपीएससी घोटाले में 23 नवंबर को कोर्ट की टिप्पणी से भी स्पष्ट है कि सरकार सही तरीके से पूरे मामले की जांच नहीं कर रही है। इसलिए आयोग के चेयरमैन को बर्खास्त कर हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। अगर इस घोटाले में सरकार की भागीदारी नहीं है तो उसे जांच से संकोच नहीं करना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि असली मुद्दे से भटकाने और अपने घोटालों को दबाने के लिए मौजूदा सरकार पूर्ववर्ती सरकार पर बेतुके आधारहीन आरोप लगा रही है। जबकि, कांग्रेस कार्यकाल के दौरान किसी भर्ती पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे। सिर्फ तकनीकी आधार पर कुछ भर्तियों को रद्द किया गया। वहीँ दूसरी ओर मौजूदा सरकार में ताबड़तोड़ घोटालों की वजह से एक के बाद एक भर्तियों को रद्द करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री के आरोपों का जवाब देते हुए हुड्डा ने कहा कि जिन लोगों पर मुख्यमंत्री भर्ती घोटाला करने का आरोप लगाते हैं, आज उन्हीं के समर्थन से सरकार चला रहे हैं।
तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए हुड्डा ने दोहराया कि यह देर से लिया गया दुरुस्त फैसला है। अब सरकार को किसानों के बाकी मुद्दों पर भी बात करनी चाहिए और कृषि को लाभकारी बनाने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि को लाभकारी बनाने के लिए मुख्यमंत्रियों की वर्किंग कमिटी का अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने कई सिफारिशें की थी। इनमें से एक थी स्वामीनाथन आयोग के सी2 फार्मूले पर किसानों को एमएसपी देना। हुड्डा ने याद दिलाया कि देश में सबसे पहले उनके पिताजी स्वर्गीय श्री रणबीर सिंह हुड्डा ने 23 नवंबर, 1948 में एमएसपी की मांग उठाई थी, जिसे बाद में अमलीजामा पहनाया गया। अब सरकार को इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए एमएसपी गारंटी का कानून बनाना चाहिए। तभी कृषि एक लाभकारी व्यवसाय बन सकता है।
हुड्डा ने पूछा कि ‘एमएसपी थी, है और रहेगी’ का नारा देने वाली सरकार को कानून बनाने में आखिर क्या दिक्कत है? साथ ही हुड्डा ने आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमों को खारिज करने और शहीद किसानों के परिवारों को सरकारी नौकरी व मुआवजा देने की मांग भी दोहराई।