हर वर्ष 2500 डॉक्टर तैयार करने का लक्ष्य: मुख्यमंत्री
CHANDIGARH: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में डॉक्टरों की मांग को पूरा करने के लिए हर जिले में एक मेडीकल कॉलेज खोलने की प्रक्त्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष 2500 डॉक्टर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है और इसके लिए एमबीबीएस की सीटें बढा कर 1685 की गई हैं जो 2014 में 700 थी।
मुख्यमंत्री आज पंचकूला के सेक्टर 5 स्थित इन्द्रधनुष ऑडिटोरियम में हरियाणा मेडीकल काउंसिल के तत्वावधान में आयोजित डॉक्टर्स डे अवार्ड समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्त्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने 75 वर्ष से अधिक आयु के 90 डॉक्टरों को ‘वट वृक्ष पुरस्कार देकर सम्मानित किया। सम्मान पाने वालों में सबसे अधिक 92 वर्ष आयु के सिरसा के डॉक्टर आरएस सांगवान भी शामिल थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी के डॉक्टरों को पुरानी पीढी के डॉक्टरों से मानवता की सेवा करने की भावना से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में निजी व सरकारी क्षेत्र दोनो को मिला कर डॉक्टरों की संख्या लगभग 13-14 हजार है जबकि यूएनओ के मानदंडों के अनुसार 1000 की जनसंख्या पर एक डॉक्टर होना चाहिए। यदि हम हरियाणा की जनसंख्या 2021 में 2.70 करोड़ मान कर चलते हैं तो 27 हजार डॉक्टरों की आवश्यकता है। इस मांग को पूरा करने के लिए हर वर्ष 2500 डॉक्टर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार से भी मेडीकल क्षेत्र में सहयोग मिल रहा है। झज्जर जिला के बाढ़सा मे राष्ट्रीय केंसर संस्थान स्थापित किया गया है। इसके अलावा रेवाड़ी में एम्स तथा पंचकूला में आयुर्वेद का एम्स बनाने की प्रक्त्रिया जारी है। पंचकूला के लिए 25 एकड़ जमीन केन्द्र सरकार को सौंप दी गई है। उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर को, मरीज़ भगवान की तरह मानता है। यदि लंबी बीमारी के बाद उसकी मनोस्थिति ऐसी हो जाती है कि अब तो मौत ही निश्चित है तो उस समय वह अपने आप को डॉक्टर के हवाले छोड़ देता है। डॉक्टर भी मरीज को बचाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते। मुख्यमंत्री ने माना कि जब कोविड के दौरान वे स्वयं मेदांता में भर्ती हुए थे तो उन्होंने डॉक्टरों की सेवा करने के भाव को करीब से देखा था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एमबीबीएस की सीटों के साथ-साथ लगभग 600 सीटें पीजी कोर्स की भी बढाई गई हैं। उन्होंने कहा कि अन्य विभागो की तुलना में शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग को बजट आबंटन में प्राथमिकता दी जा रही है। अन्य विभागों के वार्षिक बजट में 5-7 प्रतिशत की वृद्धि की जाती है जबकि शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग बजट में 12-15 प्रतिशत की वृद्धि होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच है कि लोग बीमार ही न हों, इसके लिए स्वस्थ शरीर होना जरूरी है। प्रधानमंत्री की इसी सोच को साकार करने के लिए आयुर्वेद व अन्य चिकित्सा पद्धतियों को बढावा देने के लिए वेलनेस सेंटर व योग केन्द्र खोले जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने हरियाणा मेडीकल काउंसिल द्वारा व्योवृद्ध डॉक्टरों को सम्मानित’ करने लिए चुने गए शीर्ष वाक्य ‘‘वट वृक्ष’’ की सराहना की। वट वृक्ष पर्यावरण को भी सुरक्षित रखता है। हरियाणा सरकार ने भी 75 वर्ष से अधिक आयु वाले पेड़ों की देखभाल के लिए 2500 रूपए वार्षिक की पेंशन योजना शुरू की है। जीव व वनस्पति दोनो की दीर्घायु हो तभी हम ‘सर्वोभवंति सुखिनः सर्वोभवंति निरामया‘ के भाव को पूरा कर सकते हैं।
‘मैं भी डॉक्टर’
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे तो मैं भी डॉक्टर हूं। जैसे एक डॉक्टर रोगियों की बीमारी दूर करता है वैसे ही मैं भी पिछले 7 सालों से समाज की बुराइयों को दूर करने में लगा हूं।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना की पहली व दूसरी लहर पर काबू पाने में हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग ने बेहतर कार्य किया हैं। उन्होंने कहा कि एक नया वैरीअंट जोकि साउथ अफ्रीका में पाया गया है उससे निपटने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं। जिस प्रकार पहली व दूसरी लहर में कोरोना से लड़ने के जो नियम निर्धारित किए गए थे, उन्हीं नियमों की पालना की जायेगी तथा टेस्टिंग को पुनः बढाया जायेगा। लोगो को भी सतर्क रहने की जरूरत है।
हरियाणा ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर होगा
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी महसूस की गई परंतु मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पूरी तत्परता से कार्रवाई की और इसका समाधान किया। उन्होंने कहा कि अब आदेश जारी किए गए है कि 50 बेड से अधिक अस्पताल चाहे वह सरकारी हों या निजी, सभी को ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए पीएसए प्लांट लगाना अनिवार्य होगा।
हरियाणा में अब तक 2.83 करोड़ वैक्सीन लोगों को लगाई जा चुकी है
उन्होंने कहा कि अब तक कोरोना वैक्सीनेशन के मामले में भी हरियाणा ने बेहतर प्रदर्शन किया है। 2.83 करोड़ की वैक्सीन में से 90 प्रतिशत अथात 1.84 करोड़ लोगों ने पहली डोज़ और 49 प्रतिशत लोगों ने दूसरी डोज़ लगवाई है। उन्होंने कहा कि कोविड एक चुनौती की तरह हमारे सामने आया और इस चुनौती का सामना करने के लिए मुख्यमंत्री का हमें लगातार मार्गदर्शन मिलता रहा और हमने इसकी दोनों लहरों में सफलता से लड़ाई भी लड़ी।
कोरोना योद्धाओं को सैल्युट,जिन्होंने निर्भीक होकर इस बीमारी का सामना किया
विज ने कोरोना योद्धाओं को सलाम करते हुए कहा कि ‘मैं आज उन सभी डॉक्टरों,नर्सों, एंबुलेंस ड्राइवरों के साथ-साथ अन्य कर्मियों जिन्होंने निर्भीक होकर इस बीमारी का सामना किया उन्हें सलाम करता हूं-उन्हें सैल्युट करता हूं।
उन्होंने कहा कि हालांकि इस दौरान कुछ लोग शहीद हो गए जिनमें से स्वास्थ्य विभाग के 28 लोग शहीद हुए और उनकी याद में मुख्यालय तथा जिला अस्पतालो में ‘वाल ऑफ़ मेमोरी’ यानी यादगार स्मारक बनाया जायेगा। विज ने कहा कि आने वाले 100- 200 सालों में याद रखा जाएगा कि किस प्रकार से यह बीमारी आई थी और उस समय पर क्या-क्या इंतजाम किए गए थे। श्री विज ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग की एक टीम का गठन किया है जो कोविड का इतिहास लिखने का काम करेगी ताकि भविष्य की पीढि़यों को पता लग सके कि इस घातक बीमारी का सामना उस समय के लोगों ने और कोरोना योद्धायों ने किस प्रकार से किया।
सभी 22 जिलों में आरटीपीसीआर लैब स्थापित की जा रही हैं
उन्होंने कहा कि हरियाणा पहला राज्य है जहां हर जिले के नागरिक अस्पताल में कोरोना टेस्टिंग के लिए आरटीपीसीआर लैब स्थापित की जा रही हैं। वर्तमान में हमारे पास 18 जिलों में आरटीपीसीआर लैब हैं क्योंकि इस बीमारी से पार निकलने के लिए टेस्टिंग बहुत जरूरी है और हम 22 जिलों में आरटीपीसीआर लैब स्थापित करेंगे।
जब सोच और नीतियां अलग होती है तो व्यवस्था भी अलग बनानी पड़ती है- विज
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अगुवाई में हमारी सरकार सुरक्षा से सेवा तक काम करने की कोशिश कर रही है और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के दिखाए गए रास्ते पर चलते हुए अंतिम व्यक्ति के लाभ के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल लगातार प्रत्यनशील हैं। उन्होंने कहा कि जब सोच और नीतियां अलग होती है तो व्यवस्था भी अलग बनानी पड़ती है और जो व्यवस्था 70 सालों से स्थापित हुई थी यह हमारे सपनों को पूरा नहीं कर सकती थी इसलिए पहला काम व्यवस्था को बदलना है जिस पर हम भरपूर कोशिश कर रहे हैं और लगातार इस पर आगे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की सरकार पारदर्शी तरीके से चल रही है और हर व्यक्ति की इसमें जवाबदेही है ऐसा करने के लिए हम तकनीक का भी सहयोग ले रहे हैं और सेवाओं का डिजिटलीकरण किया जा रहा है ताकि पारदर्शी तरीके से लोगों को लाभ दिया जा सके। उन्होंने कहा कि सभी विभागों ने अभूतपूर्व तरीके से अपने दायित्व को निभाने का काम किया है।
हरियाणा मेडीकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. आर.के. अनेजा, सदस्य डॉ. वेद बेनीवाल, स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा के महानिदेशक डॉ. वीना सिंह ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया। डॉ. प्रदीप भारद्वाज व डॉ. रोजी अनेजा ने देश भक्ति के गानों से सभी का समय बांधा।
डॉ. आर.के. अनेजा ने कहा कि समारोह में 75 से अधिक आयु के 90 डॉक्टरों को सम्मानित किया गया है जिनमें सिरसा के डॉक्टर आरएस सांगवान सब से अधिक 92 वर्ष की आयु के हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की आयु को देखते हुए काउंसिल की ओर से व्हील चेयर व छड़ी के प्रबंध किए गए थे परंतु किसी भी डॉक्टर ने इनका प्रयोग किए बिना स्टेज पर स्वयं जाकर अपना सम्मान प्राप्त किया जो कि यह दर्शाता है कि वे इस उम्र में भी स्वस्थ हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल व स्वास्थय मंत्री अनिल विज डॉक्टरों के इस साहस को देख कर गदगद हुए और कहा कि निश्चित ही आप सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं।
इस अवसर पर उपायुक्त महावीर कौशिक, पुलिस उपायुक्त मोहित हांडा, हरियाणा मेडीकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. संदीप छाबड़ा, रोहित शर्मा, डॉ. अनिरूद्ध भारद्वाज व काउसिल के अन्य सदस्य व डॉक्टर भी उपस्थित थे।