BJP-JJP सरकार के 7 साल पूरे होने पर हुड्डा ने पूछे 7 सवाल: कहा- ये हरियाणा के इतिहास की सबसे भ्रष्ट, निक्कमी और नाकाम सरकार

दोनों दलों ने पूरा नहीं किया कोई भी चुनावी वादा: हुड्डा

रोज हो रहे हैं सरकारी भर्तियों में घोटाले के नए-नए खुलासे, उच्च स्तरीय जांच से भाग रही है सरकार

CHANDIGARH: भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार हरियाणा के इतिहास की सबसे भ्रष्ट, निकम्मी और नाकाम सरकार है। इसने विकास के हर पैमाने पर प्रदेश को पीछे धकेलने का काम किया है। यह कहना है हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा आज चंडीगढ़ में बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार के 7 साल पूरे होने पर पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने करनाल से शुरू किए गए विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम की अगली तारीख का भी ऐलान किया। उन्होंने बताया कि 14 नवंबर को अगला कार्यक्रम जींद में होगा।

10 अक्टूबर को करनाल से ‘विपक्ष आपके समक्ष’ कार्यक्रम का आगाज किया गया था। इसमें पहुंचे किसान, मजदूर, आढ़ती, कर्मचारी, कच्चे कर्मचारी, ट्रांसपोर्टर्स व अलग-अलग तबके के लोगों ने विपक्ष के सामने अपनी समस्याएं रखीं। कार्यक्रम से ये बात स्पष्ट तौर पर उभरी कि लोग महंगाई, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार, अपराध, बिजली-पानी की किल्लत, धान व बाजरा की खरीद नहीं होने और सत्तारूढ़ दलों के नेताओं की वादाखिलाफी से बहुत परेशान व निराश हैं। खुद मुख्यमंत्री के क्षेत्र में बदहाली का आलम यह है कि वहां अनुमान से कई गुना ज्यादा लोग अपनी समस्याएं लेकर कार्यक्रम में पहुंचे।

इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में हुड्डा ने आंकड़ों व तथ्यों के साथ प्रदेश सरकार को आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि इस सरकार के 7 साल का कार्यकाल विफलताओं से भरा पड़ा है। जो हरियाणा 2014 से पहले प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, रोजगार सृजन, खुशहाली, खेलकूद और विकास के हर पैमाने पर देश में नंबर वन था, उसे बीजेपी व गठबंधन सरकार ने बेरोजगारी, अपराध, दंगा-फसाद, भ्रष्टाचार, नशे और बदहाली में टॉप राज्य में पहुंचा दिया है।

नेता प्रतिपक्ष ने बीजेपी और जेजेपी के चुनावी मेनिफेस्टो का जिक्र करते हुए बताया कि दोनों ही दलों ने अपने घोषणापत्र को भुला दिया है। गठबंधन सरकार द्वारा अपने वादे के मुताबिक ना ही 5100 रुपये बुढ़ापा पेंशन दी गई, ना किसानों को स्वामीनाथन रिपोर्ट के मुताबिक एमएसपी दी, ना एमएसपी का कानून बनाया, ना शराब के ठेकों को गांव से बाहर निकाला, ना प्रतियोगी परीक्षाओं में ग्रामीण बच्चों को 10 अंक अतिरिक्त दिए, ना पंजाब के समान कर्मचारियों को वेतनमान दिया, ना पुरानी पेंशन स्कीम लागू की, ना किसानों को मुफ्त ट्यूबवेल कनेक्शन दिए, ना 24 घंटे बिजली दी गई, ना बेरोजगार युवाओं को 9000 बेरोजगारी भत्ता दिया, ना अतिथि अध्यापकों और कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया गया। दोनों दलों ने अपने चुनावी घोषणापत्र का एक भी वादा पूरा नहीं किया।

हुड्डा ने कहा कि 7 साल के दौरान इस सरकार में प्रदेश को कोई बड़ी परियोजना, कोई बड़ा उद्योग या संस्थान नहीं मिला। ना ही कोई पावर प्लांट लगाया गया, ना कोई मेडिकल कॉलेज और यूनिवर्सिटी बनाई गई। बावजूद इसके सरकार ने प्रदेश को करीब ढाई लाख करोड़ के कर्ज में डुबो दिया। इस सरकार ने कदम-कदम पर लोगों के साथ फरेब और युवाओं के साथ ठगी की है। देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी वाले हरियाणा में सरकारी नौकरियों को इस तरह से बेचा जा रहा है जैसे परचून की दुकान पर सामान बिकता है। हर रोज सरकारी भर्तियों में घोटाले के नए-नए खुलासे हो रहे हैं। दो दर्जन से ज्यादा पेपर लीक हुए, नौकरियों को बेचे जाने के तथ्य सामने आए और अब कई भर्तियों में ओएमआर शीट खाली छोड़कर धांधली करने का खुलासा हुआ है। लेकिन सरकार भर्तियों समेत किसी भी घोटाले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच नहीं करवाना चाहती।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जिन घोटालों की खानापूर्ति के लिए जांच करवाई गई, उनकी रिपोर्ट को भी सरकार दबाकर बैठ गई है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आखिर सरकार किसको बचाना चाहते हैं? क्यों शराब, रजिस्ट्री, पेपर लीक, भर्ती, धान खरीद, खनन समेत तमाम घोटालों में उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच करवाकर दोषियों पर कार्रवाई नहीं की जाती?

हुड्डा ने कहा कि बीजेपी व गठबंधन सरकार ने किसानों को दयनीय स्थिति में पहुंचा दिया है। यह पहली बार हुआ है कि थानों और पुलिस लाइन में खाद बांटी जा रही है। अपनी जायज मांगों के लिए 11 महीने से किसान सड़कों पर बैठे हैं लेकिन सरकार ना उन्हें खाद दे पा रही है और ना ही एमएसपी। कांग्रेस सरकार के दौरान किसानों, गरीबों, खिलाड़ियों समेत हर वर्ग के लिए जो कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई थी, उनको मौजूदा सरकार ने या तो कागजों तक समेट दिया है या फिर पूरी तरह खत्म कर दिया है।

बीजेपी ने सत्ता में आते ही गरीब परिवारों के लिए कांग्रेस द्वारा शुरू की गई 100-100 गज के प्लॉट देने की स्कीम को बंद कर दिया। साथ ही अंत्योदय की बात करने वाली सरकार ने कांग्रेस कार्यकाल के दौरान गरीबों को मिलने वाले राशन में कटौती की। उनको मिलने वाला तेल, नमक, चीनी और दाल बंद कर दिया गया। गरीब परिवारों के बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति भी बंद कर दी गई। इतना ही नहीं छात्रवृत्ति में भी घोटाला किया गया।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का ऐसा कोई महकमा नहीं है जिसके काम की तारीफ की जाए। खुद नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, आधारभूत ढांचा निर्माण, कानून व्यवस्था, स्वच्छता, स्वच्छ पानी समेत हर क्षेत्र में हरियाणा की रैंकिंग गिरती जा रही है। 2014 के बाद से 2020 तक की एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि लगातार प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। 2020 के आंकड़ों से पता चलता है कि हरियाणा महिलाओं के खिलाफ अपराध, रेप, हत्या, अपहरण, जातीय टकराव जैसे गंभीर मामलों में देश के टॉप 3 राज्यों में शुमार है।

इसी तरह नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि स्वास्थ्य सेवाओं की रैंकिंग भी पड़ोसी राज्यों के मुकाबले बहुत कम है। प्रदेश की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटीज की एनआईआरएफ और एनएएसी रैंकिंग में भी लगातार गिरावट दर्ज की गई है। इससे प्रदेश में शिक्षा के स्तर का अंदाजा लगाया जा सकता है।

हुड्डा ने इस दौरान महंगाई के मुद्दे को लेकर भी सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि महामारी और मंदी के दौर में भी लगातार सरकार पेट्रोल-डीज़ल के रेट बढ़ाती जा रही है। एक साल के भीतर लगभग 25 रुपये रेट में बढोत्तरी हो चुकी है। तेल के दाम बढ़ने का सीधा असर अन्य वस्तुओं के दामों और महंगाई पर पड़ता है। घरेलू गैस सिलेंडर भरवाना गरीब आदमी की पहुंच से बाहर हो गया है। उज्जवला योजना के सिलेंडर कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं। सरसों का तेल, टमाटर, प्याज व अन्य सब्जियां गरीब की रसोई से गायब हो रहे हैं।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार से अलग-अलग तबकों व महकमों को लेकर 7 सवाल पूछे हैं-

  1. इस सरकार में किसानों की इतनी बेकद्री क्यों हो रही है? क्यों उन्हें बार-बार हर छोटी-बड़ी और जायज मांग के लिए आंदोलन करना पड़ता है? क्यों किसानों पर बार-बार लाठियां भांजी गई? क्यों उन्हें एमएसपी और खाद तक देने में सरकार नाकाम साबित हो रही है?
  2. बेरोजगार युवाओं के साथ भर्ती के नाम पर वसूली, ठगी और घोटाले क्यों हो रहे हैं? पेपर लीक, कैश फॉर जॉब और ब्लैंक ओएमआर शीट जैसी धांधली पर सरकार उच्च स्तरीय जांच से क्यों भाग रही है? क्या यह सच नहीं है कि सरकार घोटालेबाजों को संरक्षण दे रही है?
  3. सरकार भर्ती, पेपर लीक, शराब, रजिस्ट्री, धान खरीद और खनन समेत तमाम घोटालों की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच से क्यों बच रही है? ऐसा करके सरकार किसको संरक्षण दे रही है?
  4. प्रति व्यक्ति आय, निवेश और रोजगार सृजन वाले प्रदेश को बेरोजगारी में नंबर वन बनाने के लिए कौन जिम्मेदार है? क्यों प्रदेश में निवेश लगातार घटता जा रहा है? क्यों इस सरकार के 7 साल में प्रदेश में कोई भी बड़ी परियोजना, उद्योग, संस्थान, नई रेलवे लाइन, मेट्रो लाइन, पावर प्लांट, मेडिकल कॉलेज, यूनिवर्सिटी स्थापित नहीं हुए?
  5. क्यों हरियाणा में लगातार अपराध बढ़ते जा रहे हैं? महिलाओं के खिलाफ अपराध, बलात्कार, हत्या, अपहरण, दंगा-फसाद और नशा में हरियाणा को टॉप 3 राज्यों में शामिल करवाने के लिए कौन जिम्मेदार है?
  6. क्या बीजेपी और जेजेपी दोनों अपने चुनावी घोषणापत्रों को भूल गए हैं? क्यों चुनाव में किए गए किसी वादे को पूरा नहीं किया गया?
  7. क्यों स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में लगातार हरियाणा की रैंकिंग पड़ोसी राज्यों के मुकाबले गिरती जा रही है? सात साल के दौरान प्रदेश में कितने नए मेडिकल कॉलेज, यूनिवर्सिटी व राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान स्थापित हुए?
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