CHANDIGARH: सेक्टर-24 स्थित मैढ़ राजपूत भवन में सर्बोजनिंन श्री दुर्गा पूजा का आयोजन आज से शुरू हो गया, जिसका समापन 15 अक्टूबर को दशहरे के दिन घग्गर नदी में दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के साथ होगा।
मैढ़ राजपूत सभा के वरिष्ठ सदस्य सूरज प्रकाश चौहान ने बताया कि सर्बोजनिंन श्री दुर्गा मां की ऐतिहासिक पूजा का उद्देश्य बुराई पर सच्चाई की जीत का प्रतीक है। इसी तरह स्वर्णशिल्पी कल्याण संगा की नीति भी सामाजिक कार्यों की रही है, जिसमें बच्चो की पढ़ाई, रक्तदान जैसे सामाजिक कार्य शामिल हैं।
चौहान ने बताया कि आज दुर्गा मां की मूर्ति की विधिवत स्थापना पश्चिम बंगाल से आए पुजारी पिंटू चक्रवर्ती ओर उनके साथियों द्वारा की गई। इस मौके पर संस्था के पदाधिकारियों व सदस्यों के अतिरिक्त महिला आईपीएस अधिकारी एवं चंडीगढ़ की पूर्व एसएसपी श्रीमती नीलांबरी विजय जगदले, एरिया पार्षद श्रीमती सुनीता धवन, सतपाल वर्मा, सेक्टर-17 थाने के एसएचओ रामरतन शर्मा, हरजिंदर जी, निहार रंजन जाना, संजीव, जाना, सुबेन्दू सासमाल, निशित पटनायक समेत शहर के कई गणमान्य लोगों ने मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना की। सूरज प्रकाश चौहान के अनुसार रोजाना तीन समय की पूजा-अर्चना व प्रसाद/लंगर के साथ-साथ 15 अक्टूबर को सुबह सिंदूर खेला की रस्म अदा करने के बाद श्री दुर्गा मां की मूर्तियां विधवत घग्गर नदी में विसर्जित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि मैढ़ राजपूत सभा ने दुर्गा पूजा उत्सव का आयोजन पहली बार किया है। अब यह आयोजन हर साल किया जाएगा।