निगम कमिश्नर के पीए ने लगाया थप्पड़ मारने का आरोप, भाजपा नेता बोले-हमने नहीं मारा थप्पड़, पीए ने की थी धक्का-मु्क्की व अभद्रता
CHANDIGARH: चंडीगढ़ नगर निगम में आज भाजपाई और कर्मचारी आमने-सामने आ गए और जमकर हंगामा व नारेबाजी हुई। यह स्थिति नगर निगम आयुक्त से मिलने पहुंचे भाजपाइयों की निगम कमिश्नर के पीए से हाथापाई के बाद बनी। निगम कमिश्नर के पीए जतिन सैनी ने एक भाजपा नेता पर थप्पड़ मारने का आरोप लगाते हुए पुलिस को शिकायत दे दी है, जबकि भाजपा नेताओं ने जतिन सैनी पर अभद्रता और धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाया। हालांकि भाजपाइयों ने भी पुलिस को लिखित शिकायत दी लेकिन बाद में मामले को शांत करने के लिहाज से उसे वापस ले लिया गया।
निगम कमिश्नर से मिलना चाहते थे भाजपाई
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व चंडीगढ़ प्रदेश अध्यक्ष अमित राणा का कहना है कि वह गांवों की समस्याओं को लेकर नगर निगम आयुक्त केके यादव से मिलने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ पहुंचे थे। उस वक्त अफसरों का पब्लिक से मिलने का समय था। इसके लिए कोई एप्वाइंटमेंट लेने की जरूरत नहीं होती लेकिन निगम कमिश्नर के पीए जतिन सैनी ने निगम कमिश्नर से उन्हें मिलाने के बजाय बाद में आए पूर्व कांग्रेसी मेयर हरफूल चंद कल्याण को मिलने के लिए कमिश्नर के पास भेज दिया। अमित राणा का कहना है कि इसको लेकर जब उन्होंने पीए से आपत्ति जताई तो पीए जतिन सैनी अभद्रता पर उतर आए व धक्का-मुक्की करने लगे। निगम कमिश्नर केके यादव ने भी मिलने से इंकार कर दिया। इससे गुस्साए भाजपाइयों ने निगम दफ्तर में हंगामा व नारेबाजी शुरू कर दी। अमित राणा का कहना है कि पीए जतिन सैनी को किसी भी भाजपा नेता ने थप्पड़ नहीं मारा है। थप्पड़ मारने का आरोप झूठा है।
निगम कर्मचारियों ने भी की नारेबाजी
निगम कमिश्नर के पीए के साथ कथित मारपीट की सूचना जब निगम कार्यालय में अन्य कर्मचारियों को मिली तो उनमें आक्रोश फैल गया। निगम कर्मचारी तुरंत काम बंद कर निगम कमिश्नर के दफ्तर के बाहर इकट्ठे हो गए और भाजपाइयों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान भाजपाई भी निगम में धरने पर बैठ गए। सूचना पाकर इलाका पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और दोनों पक्षों को शांत करने का प्रयास किया। भाजपाई व निगम कर्मचारियों के आमने-सामने आ जाने की सूचना पाकर चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद भी निगम कार्यालय पहुंच गए और भाजपाइयों को समझाने के साथ निगम कर्मचारियों का गुस्सा भी शांत किया। अरुण सूद का कहना है कि सबकुछ गलतफहमी में हुआ। भाजपाइयों की तरफ से दी गई शिकायत वापस ले ली गई है। अब कोई विवाद नहीं है।