कांग्रेस ने इस्तीफों पर खड़े किए सवाल, बताया फर्जीवाड़ाः AAP नेता कर रहे लोगों को गुमराह, जो कांग्रेसी नहीं, उनके भी दिलवा रहे त्याग पत्रः पवन शर्मा


CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं हाल ही में कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हुए प्रदीप छाबड़ा के समर्थन में कांग्रेस से हो रहे इस्तीफों को कांग्रेस ने सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने इसे महज फर्जीवाड़ा करार देते हुए AAP नेता की सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश मात्र बताया है।

चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ नेता पवन शर्मा ने आज एक बयान जारी कर प्रदीप छाबड़ा का नाम लिए बिना कहा कि आम आदमी पार्टी के कुछ नेता कांग्रेस के कथित पूर्व पदाधिकारियों के त्याग पत्र लेकर उन्हें पार्टी में शामिल करने के नाम पर आए दिए बयानबाजी कर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि शहर के लोग सब जानते हैं कि इस तरह की बयानबाजी करने वाले इन नेताओं के पल्ले कुछ नहीं है। पवन शर्मा ने कहा कि अपनी राजनीतिक जमीन खो चुके नेता अब फर्जीवाड़े का सहारा लेकर अपना कद बढ़ाना चाहते हैं, जो कि असंभव है। शहर के लोग इस तरह के नेताओं को अब मुंह लगाने वाले नहीं हैं।

पवन शर्मा ने कहा कि कांग्रेस में पिछले 15 सालों से निष्क्रिय हुए लोगों के त्याग पत्र के नाम पर AAP के नेता अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं, जबकि हकीकत में यह लोग 10 से15 साल पहले एक तरह से निष्क्रिय होकर अपने घरों में बैठे थे और कुछ लोग, जिनको अब संगठन में जगह नहीं मिल पाई, वह इस्तीफा देने वालों में अपना नाम छपवा रहे हैं। इनमें से कुछ लोगों का तो चंडीगढ़ में न वोट है, न ही घर है। कोई मोहाली में रह रहा है तो कोई जीरकपुर में रहता है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता पवन शर्मा ने कहा कि हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा देने वालों में दो प्रमुख नाम लिए गए, जिसमें एक वीणा खारी हैं। दावा किया गया कि वह कांग्रेस की ब्लॉक अध्यक्ष थीं और दूसरे मुस्तकीम खान, यह बहुत पहले चंडीगढ़ छोड़ चुके हैं। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस से इस्तीफा देने वालों में कुछ ऐसे लोगों को भी पदाधिकारी बताया जा रहा है, जो पिछले 15 साल से कांग्रेस पार्टी के प्राथमिक सदस्य भी नहीं हैं और उनके मीडिया के माध्यम पिछले 6 महीने में तीन-तीन बार त्याग पत्र दिलवा दिए गए हैं। पवन शर्मा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेताओं की शहर में कोई पकड़ नहीं है। AAP का जनाधार भी नहीं है। ऐसे में AAP नेता अब फोकी बयानबाजी कर अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं, जिन्हें नगर निगम चुनाव में शहर की जनता सिरे से नकार देगी।

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