मुख्य सचिव ने स्कूलों में रोजाना 10,000 R.T.P.C.R. टैस्ट करने के आदेश दिए
CHANDIGARH: राज्य में COVID-19 महामारी को काबू में रखने और इसके फैलाव की रोकथाम के लिए मुख्य सचिव विनी महाजन (Vini Mahajan) ने आज सम्बन्धित विभागों को आर.टी-पी.सी.आर. टैस्टों (R.T.P.C.R. Test) की संख्या बढ़ाने और स्कूलों में रोज़ाना 10,000 आर.टी.-पी.सी.आर टैस्ट (R.T.P.C.R. Test) करने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों को यह सुनिश्चित बनाने के लिए कहा कि कोविड की रोकथाम करने के लिए टीके के दोनों डोज़ लगवाने वाले टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ को ही स्कूल आने की आज्ञा दी जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि रोज़ाना 40,000 सैंपल लेने के लक्ष्य को निश्चित रूप से पूरा किया जाए और अगर कोविड के मामले (COVID-19 Cases) बढ़ते हैं तो टेस्टिंग में और तेज़ी लाई जाए।
स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं स्कूल शिक्षा के वरिष्ठ अधिकारियों और सभी डिप्टी कमिश्नरों के साथ राज्य में कोविड के हालातों की समीक्षा सम्बन्धी मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने पड़ोसी राज्यों, जहाँ वायरस के मामले फिर से बढ़ रहे हैं, से पंजाब में लोगों के आने-जाने पर चिंता ज़ाहिर की और आगामी त्योहारों के सीज़न के मद्देनजऱ अधिकारियों को पॉजि़टिविटी दर पर नजऱ रखने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि वायरस के फैलाव को रोकने के लिए और अधिक सतर्क रहने की ज़रूरत है।
महामारी के फैलाव को रोकने के लिए सभी जिलों को बड़े स्तर पर टेस्टिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि अब सभी जिलों में एपीडीमौलोजिस्ट नियुक्त किए गए हैं और कोविड की तीसरी संभावित लहर को रोकने के लिए हर संभव कोशिश की जाए।
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के पूर्वानुमान का हवाला देते हुए श्रीमती महाजन ने कहा कि लगाए गए अनुमान के मुताबिक नए मामलों की संख्या लगभग 64 दिनों में दोगुनी हो सकती हैै (इस धारणा के अधीन वृद्धि की दर स्थिर रहेगी)।
उन्होंने इस तथ्य पर तसल्ली ज़ाहिर की कि पिछले हफ़्ते 3 से 9 अगस्त तक 2,45,823 सैंपल लिए गए, जिनमें से 352 पॉजि़टिव पाए गए हैं, जिससे पॉजि़टिविटी दर 0.1 फीसदी रही।
राज्य में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को और मज़बूत करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि हरेक जि़ले को दूसरी लहर के शिखर के दौरान माँग के मुकाबले बिस्तरों का सामथ्र्य 25 प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य रखना चाहिए।
मुख्य सचिव ने बताया कि इस समय सरकारी अस्पतालों में 4307 एल-2 बैड मौजूद हैं, जो 25 प्रतिशत वृद्धि के साथ 5387 हो जाएंगे, जबकि निजी अस्पतालों में 6565 एल-2 बैड उपलब्ध हैं और 25 प्रतिशत वृद्धि के साथ 1644 बैड और शामिल किए जाएंगे।
अधिकारियों को सरकारी और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता को और बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए कहते हुए श्रीमती महाजन ने सभी पी.एस.ए. प्लांटों को इस महीने के अंदर कार्यशील करने के अलावा भविष्य में इस जीवन रक्षक गैस की माँग को पूरा करने के लिए ऑक्सीजन कंसनट्रेटर सामथ्र्य में और वृद्धि करने के निर्देश दिए।
कोविड कंट्रोल रूम के इंचार्ज अजोए शर्मा (आई.ए.एस.) ने मुख्य सचिव को बताया कि कोविड ऐप में पाँच नए मोड्यूल शामिल किए गए हैं, जिससे कोविड (COVID-19) डेटा का प्रबंधन और अधिक प्रभावशाली ढंग से करने के अलावा डेटा के दोहराव को कम किया जा सके। ऐप में डेटा अपलोड और अपडेट करने की सुविधा के लिए सैंपल क्लैकशन सैंटर एप्लीकेशन शामिल किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि ऐप में आरटी-पीसीआर, ट्रूनेट, सीबीएनएएटी के नतीजों को अपडेट और अपलोड करने के लिए सभी लैब्स के पास कोवा पोर्टल पर इंटरफेस है। कोवा प्लेटफार्म आईसीएमआर के साथ बैक-एंड इंटीग्रेशन के द्वारा इस डेटा को केंद्र के पास भेजेगा।
उन्होंने बताया कि रैपिड रिस्पॉन्स टीमें (आरआरटीज़) घरेलू एकांतवास के अधीन मरीज़ों के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एकत्र करने के लिए उनके घर जाएंगी और कोवा ऐप पर उनके स्वास्थ्य संबंधी रिपोर्ट करेंगी। उन्होंने आगे कहा कि अस्पताल कोवा पोर्टल पर लॉग इन करेंगे और वहां दाखि़ल मरीज़ों की स्थिति को अपडेट करेंगे। अस्पतालों को रोज़ाना के आधार पर अपनी संस्थाओं में एल-2 और एल-3 बिस्तरों के आवंटन और स्थिति की रिपोर्ट देनी होगी। इसके अलावा अस्पतालों को ऑक्सीजन पर रखे गए, ऑक्सीजन पर नहीं रखे गए कोविड (COVID-19) मरीज़ों और ऑक्सीजन पर रखे गए, ऑक्सीजन पर नहीं रखे गए संदिग्ध कोविड मरीज़ों की संख्या के बारे में जानकारी देनी होगी।
इसके अलावा डेटा प्रबंधन में ऐसा प्रावधान किया गया है कि अगर सैंपलिंग के समय डेटा एकत्रित नहीं किया गया या डेटा को बाद में अपडेट करने की ज़रूरत पड़ती है तो जि़ला डेटा सैल या आरआरटीज़ उस जानकारी को अपडेट कर सकते हैं।
मीटिंग के दौरान अन्यों के अलावा प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा आलोक शेखर, स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. के.के. तलवाड़, बाबा फऱीद यूनिवर्सिटी के उप कुलपति डॉ. राज बहादुर, सचिव स्कूल शिक्षा कृष्ण कुमार और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।