CHANDIGARH: महंगाई को लेकर केंद्र की BJP सरकार के खिलाफ चंडीगढ़ में 7 जुलाई से शुरू हुआ 10 दिवसीय आंदोलन आज सेक्टर-22 में नेहरू पार्क के सामने जोरदार धरना-प्रदर्शन के साथ खत्म हो गया। इस मौके पर विशेष तौर से पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने बढ़ती मंहगाई और बेरोजगारी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को जमकर घेरा।
धरने को संबोधित करते हुए पवन बंसल ने कहा कि आज सरकार पेट्रोलियम पदार्थों पर टैक्स लगा कर लोगों की जेब काटने का काम कर रही है। जितना टैक्स सरकार पेट्रोलियम पदार्थों पर टैक्स लगाकर लोगों से धन एकत्रित कर रही है उतना पैसा तो सरकार ने कभी इनकम टैक्स और अन्य करो से भी एकत्रितनहीं किया। लगता है सरकार के पास सभी आय के साधन समाप्त हो गए हैं और सरकार केवल पेट्रोलियम पदार्थों के टैक्स से धन एकत्रित करके ही सरकार चलाना चाहती है लेकिन सरकार चलाने के लिए धन इकट्ठा करने के अन्य भी स्तोत्र है।
पवन बंसल ने कहा कि बेरोजगारी अब 11% से अधिक हो गई है। यह एक सच्चाई है । यह बात सामने आई है कि 23 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे आ गए हैं। विश्व बैंक की रिपोर्ट से यह तथ्य उजागर हुआ था कि 2004-5 से 2014-15 की 10 साल की अवधि में 27 करोड़ लोगों को गरीबी से उभारा गया । लेकिन अब 23 करोड लोगों के गरीबी की रेखा से नीचे चले जाने की बात विश्व बैंक की रिपोर्ट में छपी है। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में श्रम बल की भागीदारी घट रही है और बेरोजगारी बढ़ रही है और अधिक से अधिक लोग गरीबी रेखा से नीचे आ रहे हैं और कर्ज के जाल में फंसते जा रहे हैं। समृद्ध व्यक्ति अधिक समृद्ध होता जा रहा है । उच्च वर्ग के लोग अपने आनंद में लीन हैं । समाज का गरीब वर्ग सबसे अधिक प्रभावित है ।इस सरकार को इन वर्गों के लोगों से कोई सरोकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि हम प्रत्येक व्यक्ति को 5 किलो मुफ्त राशन दे रहे हैं अब यदि इसको राशि में देखें तो यह 32 रुपए प्रति व्यक्ति प्रति माह बनता है। क्या इस समय केवल ₹32 प्रति व्यक्ति राहत की आवश्यकता है। इसलिए हम कह सकते हैं कि नकद हस्तांतरण किया जाना चाहिए ।ऐसे बहुत से तरीके हैं जिनसे नकदी का हस्तांतरण किया जा सकता है लेकिन यह सरकार असंवेदनशीलता के कारण निम्न वर्ग और गरीबों के कष्टों से बेखबर बनी हुई है।
इस अवसर पर चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला ने कहा कि सरकार इस बढ़ती हुई महंगाई को रोकने में नाकामयाब हो रही है। देश के हर व्यक्ति के लिए पिछले 15 महीने बहुत कठिन रहे, इन 15 महीनों ने मध्यम आय वर्ग के तीन करोड़ 20 लाख लोगों को निम्न आय वर्ग में धकेल दिया। इन पिछले 15 महीनों में हमारे देश के 7:30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे चले गए पिछले 1 साल में यानी 2021 में 97% भारतीय गरीब हो गए । हमारी आए या तो घट गई है या हमारी मुद्रास्फीति समायोजित आय कम हो गई है। देश में केवल 3% लोगों की आय बढ़ रही है।
चंडीगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता हरमेल केसरी ने कहा कि जब 2004 से 2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार थी तब अंतरराष्ट्रीय मार्केट में पेट्रोल कच्चे तेल की कीमतें 144 डालर प्रति बैरल थी तब भी मनमोहन सिंह की सरकार ने पेट्रोल पदार्थों की कीमतें 72 रूपए प्रति लीटर से ऊपर नहीं जाने दी। आज जबकि अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमत 75 डालर प्रति बैरल से अधिक नहीं है ,लेकिन फिर भी पूरे देश में रुपए 100 प्रति लीटर पेट्रोल को बेचा जा रहा है ।मोदी सरकार पेट्रोलियम पदार्थों पर 60% से अधिक टैक्स लगाकर लोगों की जेब काटने का काम कर रही है। सरकार चाहे तो यही पेट्रोल और डीजल लोगों को रूपए 50 प्रति लीटर के करीब दे सकती है।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता एचएस लक्की ने कहा कि सरकार को आवश्यक वस्तुओं, पेट्रोल, गैस और डीजल की बढ़ी कीमतों को तुरंत वापस लेना चाहिए अन्यथा पार्टी सरकार के खिलाफ अपना आंदोलन तेज कर देगी। इस मौके पर मौजूद प्रमुख कांग्रेस नेताओं में देविंदर सिंह बबला, डीडी जिंदल, पवन शर्मा, भूपिंदर बढेरी, गुरबख़्श रावत, शशिशंकर तिवारी, जतिंदर भाटिया, हाफिज अनवारुल हक, गुरप्रीत गबी, जगजीत कांग, जागीर सिंह, हरफूल कल्याण, अजय शर्मा, गुरचरण दास काला, रामेश्वर गिरी, राजीव मौदगिल, देविंदर गुप्ता, जसबीर बंटी, जीत सिंह, दीपा दुबे, अजय जोशी, एस गुजराल, शीला फूल सिंह, सतीश कैंथ, रविंदर कौर गुजराल, नसीब कुमार, धर्मवीर, लव कुमार राणा, मनोज लोबाना, परीक्षित राणा, करणबीर सिंह कानू, अच्छे लाल गौर, विनोद शर्मा, रवि ठाकुर, कृष्ण, मंजीत चौहान, विक्रम चोपड़ा, रूपिंदर सिंह, ममता, कुलदीप सिंह, कुलबीर सिंह, सादिक मुहम्मद, यदविंदर मेहता, संजय भजनी, सुभाष गहलोत, जतिंदर धामी, सोनू, अहमद अली, ईश शर्मा, अश्विनी गुप्ता, वरिंदर, लेखपाल, मुकेश राय, रमेश आहूजा, सरोज शर्मा, नंद सिंह, परवीन नारंग, नरिंदर मारवाटा, देविंदर आदि शामिल थे।