CHANDIGARH: चंडीगढ़ के प्रशासक द्वारा गठित समाज कल्याण समिति ने चंडीगढ़ प्रशासन से आग्रह किया है कि चंडीगढ़ में कम से कम एक पुलिस स्टेशन केवल बच्चों के लिए होना चाहिए, जहां का वातावरण बच्चों के विकास के अनुकूल हो तथा जहां पर उन्हें वाकि अपराधियों से बिल्कुल अलग रखा जा सके।
चंडीगढ़ के पूर्व सांसद सत्यपाल जैन की अध्यक्षता में कल यूटी गेस्ट हाउस में हुई समाज कल्याण समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया तथा चंडीगढ़ में बच्चों के विकास के सम्ंबध में कई विषयों पर चर्चा की। यह जानकारी देते हुये जैन ने बतलाया कि वर्तमान में जिन बच्चों को अपराधों के लिये पकड़ा जाता है उन्हें चंडीगढ़ के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में वाकि अपराधियों के साथ रखा जाता है, जिससे इन बच्चों पर प्रतिकूल असर पड़ता है। बच्चों के लिये एक अलग से पुलिस स्टेशन होने पर उन्हें अपराधियों की दुनियां से दूर रखा जा सकता है।
जैन ने बतलाया कि चंडीगढ़ पुलिस द्वारा समिति को यह बताया गया कि चंडीगढ़ में 2018, 19 एवं 2020 में क्रमशः 176, 159 तथा 110 बच्चें गुम हुये थे, जिनमें से क्रमशः 20, 13 तथा 13 बच्चों की अभी तक भी बरामदगी नहीं हुई है। समिति ने निर्णय लिया है कि इन गुमशुदा बच्चों को ढुंढने के लिये तथा बच्चों को अगवा करने वाले दोषियों के विरूद्ध क्या कार्रवाई की गई है, इसका विस्तार से अध्ययन करेगी तथा इस सम्बंध में अपनी रिपोर्ट शीघ्र ही चंडीगढ़ प्रशासन को आगे की कार्रवाई के लिये भेजेगी।
बैठक में यह भी निर्णय किया गया कि चंडीगढ़ में जिन बच्चों को जबरदस्ती भीख मंगवाने या फैक्टरियों आदि में काम करने के लिये मजबूर किया जाता है, उन्हें वहां से छुड़ाने का अभियान तेज किया जाये तथा छुड़ाये गये बच्चों के रहन सहन तथा कानून अनुसार उन्हें रोजगार देकर उन्हें बसाने का अभियान तेज किया जाये।
जैन ने बताया कि चंडीगढ़ प्रशासन ने हाल ही में उन बच्चों के पुनर्वास के लिये विस्तृत स्कीम जारी कर दी है, जिनके माता-पिता कोरोना के कारण स्वर्ग सिधार गये हैं। समिति ने निर्णय लिया कि समिति के सदस्य इन बच्चों के पुनर्वास में प्रशासन की पूरी मदद करेंगे।
बैठक में चंडीगढ़ प्रशासन और केन्द्र सरकार से पुनः आग्रह किया कि चंडीगढ़ में वृद्धा, विधवा तथा विकलांग पेंशन 1000 रूपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 2000 रूपये प्रतिमाह की जाये जैसा कि पंजाब और हरियाणा की सरकारें पहले कर चुकी हैं। बैठक में चंडीगढ़ में मजदूर भवन बनाने सम्बंधी विषय पर भी चर्चा हुई तथा यह तय किया कि इस सम्बंध में पुनः एक विस्तृत प्रोजेक्ट तैयार करके प्रशासन को भेजी जाएगी।
बैठक में डायेरक्टर डॉ. नवजोत कौर, डॉ. सतेन्द्र सचदेवा, श्रीमति अनामिका वालिया, श्रीमति रमा मथारू, श्रीमति प्रीति गोयल, श्रीमति रेणु ऋषि गौतम, पूनम जम्वाल, सतिन्दर सिंह, बिशनम आहुजा, डॉ. रमनीक आदि भी शामिल हुए।