CHANDIGARH: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देशों के अनुसार आज चंडीगढ़ कांग्रेस ने सेक्टर 41 में पेट्रोल डीजल और रसोई गैस की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर प्रदर्शन किया।
चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चावला ने कहा कि जब पेट्रोल का दाम अंतरराष्ट्रीय मार्केट में 144 डालर प्रति बैरल था तब भी उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पेट्रोल के दाम 72 लीटर से ऊपर नहीं जाने दिया।आज जबकि अंतरराष्ट्रीय मार्केट में पेट्रोल के दाम 72/75 डॉलर प्रति बैरल से अधिक नहीं है फिर भी पूरे देश में पेट्रोल के दाम ₹100 से अधिक हैं। फिलहाल कच्चे तेल की कीमत करीब $72 प्रति बैरल है जो पिछले साल $30 प्रति बैरल थी तो कच्चे तेल की कम कीमतों का लाभ लोगों तक क्यों नहीं पहुंचाया गया। इसका मतलब यह है कि पेट्रोल और डीजल की कीमत गतिशील मूल्य निर्धारण नहीं है यह विशुद्ध रूप से राजनीतिक मूल्य निर्धारण है। राज्यों को वेट कम करने और कीमतों को कम करने के लिए कहने का नया ज्ञान यानी दिव्य ज्ञान क्या आप ने हाल ही में हासिल किया है और आपको 2014 से पहले इसके बारे में पता नहीं था ।
2014 से पहले जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की जाती थी तो भाजपा के नेता हर गली मोहल्ले में हो-हल्ला मचाते थे।
चंडीगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता हरमेल केसरी ने कहा कि भारत सरकार को आज पेट्रोल डीजल और रसोई गैस के दामों में कमी लानी चाहिए ।आज देश का गरीब आदमी की बढ़ती हुई कीमतों को लेकर परेशान है और देश की ग्रहणियां बढ़ती हुई गैस सिलेंडर की कीमतों के कारण अपने घर का गुजारा चलाना भी मुश्किल हो रहा है लेकिन भाजपा की कहनी और कथनी में अंतर है। हरमेल केसरी ने कहा कि अगर भाजपा सरकार चलाने में विफल है तो प्रधानमंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और पूरे देश की जनता को एक बार फिर काबिल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी को प्रधानमंत्री की गद्दी पर बैठाना चाहिए ताकि वह अपनी कारगार नीतियों से और अपनी कुशलता से देश को पुनः पटरी पर लाएं और देश में पेट्रोल डीजल और रसोई गैस की कीमतें कम हो सके।