CHANDIGARH: चंडीगढ़ दलित वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष भगत राज दिसावर ने भरत कुमार चेयरमैन सैनिटेशन कमेटी नगर निगम के उस फैसले की निंदा की है, जिसमें नगर निगम में कार्यरत सफाई कर्मचारियों की सूची सभी पार्षदों को देने व पार्षदों से सफाई कर्मियों की निगरानी कराने की बात कही गई है।
निगम पहले से ही कर रहा दो तरह से निगरानी
दिसावर ने एक बयान जारी कर कहा कि BJP शासित नगर निगम पहले ही स्मार्ट ट्रैकिंग घड़ियों द्वारा सफाई कर्मचारियों की निगरानी कर रहा है और लायंस कंपनी के कर्मचारियों की निगरानी मोबाइल फोन से फोटो खींचकर करवा रहा है। दोनों ही कर्मचारियों को नगर निगम के फंड से वेतन दिया जाता है लेकिन निगरानी का नियम अलग-अलग है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट ट्रैकिंग घड़ियों के चलते सफाई कर्मचारी को मासिक वेतन समय पर अदा करने में परेशानी आ रही है। अब उनके काम की निगरानी पार्षदों से कराकर उन्हें गुलाम बनाने की नीति बनाई जा रही है, जो कि संवैधानिक नहीं है।
स्थाई कर्मचारी केवल अधिकारियों के समक्ष जवाबदेय
दिसावर ने कहा कि यदि पार्षदों ने ही निगरानी करनी है तो स्मार्ट ट्रैकिंग घड़ियों के मासिक 18 लाख रुपए के भार से नगर निगम को मुक्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थाई कर्मचारी केवल अपने अधिकारियों के समक्ष जवाबदेय है, न कि राजनीतिक पार्टियों के पार्षदों के प्रति। इस तरह के बेतुके फैसले लेकर BJP शासित नगर निगम सफाई कर्मियों, जोकि दलित समाज में सबसे निचले पायदान पर हैं, को प्रताड़ित करने की कोशिश कर रहा है, जिसे कभी सहन नहीं किया जाएगा। इसके विरुद्ध संघर्ष का रास्ता अपनाया जाएगा।