CHANDIGARH: हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने ऊर्जा बचत को प्रोत्साहन देने हेतु शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के घरेलु उपभोक्ताओं के लिए देश में अपनी तरह की पहली ‘डिमांड साइड मैनेजमैंट-एसी योजना’ का शुभारम्भ किया। इसके तहत प्रदेशभर में लोगों को 1.05 लाख ए.सी. न्यूनतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) के 59 प्रतिशत तक छूट पर उपलब्ध करवाएं जाएंगे, जिसके लिए इच्छुक लोगों को 24 अगस्त 2021 तक आवेदन करना होगा।
बिजली मंत्री ने कहा कि बिजली विभाग ने डैकन, ब्लू स्टार तथा वोल्टाज सहित तीन नामी कम्पनियों के साथ समझौता किया है, जोकि लोगों की मांग पर 1.5 टन क्षमता का बिजली खर्च की बचत करने वाले स्प्लिट एसी कम मूल्य पर उपलब्ध करवाएं जाएंगे। इसके तहत घरेलू उपभोक्ता अपने पुराने ए.सी. को भी बदलवा सकेंगे। इस प्रकार जहां उक्त कम्पनियां नए ए.सी. खरीदने और पुराने ए.सी बदलवाने पर उपभोक्ताओं को एमआरपी पर छूट देंगी वहीं हरियाणा सरकार द्वारा भी इन पर सब्सिडी दी जाएगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक व्यक्ति बिजली विभाग के वेबपोर्टल https://acreplacementscheme.uhbvn.org.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हमारी सरकार ने इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को शहरी क्षेत्रों के उपभोक्ताओं से अधिक सब्सिडी देने का प्रावधान किया है। इसके तहत शहरी क्षेत्रों में नया ए.सी खरीदने पर 2 हजार तथा पुराना ए.सी बदलवाने पर 4 हजार रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में नया ए.सी खरीदने पर 4 हजार तथा पुराना ए.सी बदलवाने पर 8 हजार रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। इस अलावा उपभोक्ताओं को नए ए.सी से बिजली के बिल में भी बचत होगी। ये ऊर्जा बचत करने वाले नए ए.सी लगाने से 3 स्टार तक के पुराने ए.सी की तुलना में 657 बिजली की यूनिट तथा करीब 5 हजार रुपए तक वार्षिक बचत होगी। इनके साथ ही कम्प्रैसर की 10 वर्ष तक तथा अन्य सभी उपकरणों पर एक वर्ष तक की वारंटी मिलेगी। इस योजना के तहत उपभोक्ता के घरों में नि:शुल्क ए.सी फिट करने की पूरी जिम्मेदारी अधिकृत डीलर की ही होगी।
विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने कहा कि आज बिजली वितरण निगमों द्वारा घरेलू ऊर्जा खपत और अधिकतम लोड को कम करने के लिए यह ए.सी योजना शुरू की है, जोकि देश में अपनी तरह की पहली योजना है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए लोगों को आगे आना चाहिए। इस योजना के तहत उक्त एसी ईकाइयों के उपयोग से राज्य में 68 एमयू ऊर्जा की बचत होगी तथा बिजली की मांग में 75.6 मेगावाट की कमी आएगी। उन्होंने कहा कि इससे पहले 2016 में एक योजना के तहत बिजली विभाग ने राज्य में 1.56 करोड़ एलईडी बल्ब व 2.30 लाख टयूब लगवाई हैं। उससे भी राज्य को 232.42 मेगावाट बिजली की बचत हुई है, जो अपने आप में ऐतिहासिक व बदलाव का सूचक है।
बिजली वितरण निगमों के प्रबंध निदेशक शशांक आनंद ने कहा कि हरियाणा बिजली निगमों के अथाह प्रयासों से पिछले पांच वर्षो मे एटी एंड सी लॉसिज 29.83 प्रतिशत से घटाकर 14.55 प्रतिशत हो गया है। इसका अर्थ यह है कि बिजली विभाग का घाटा कम हो रहा है और बिजली विभाग जितना मुनाफे में होगा, प्रदेशवासियों को उतनी ही बिजली सस्ती मिलने लगेगी। पूरे प्रदेश को शहरी की तर्ज पर 24 घंटे बिजली मुहैया करवाने के लिए निगमों द्वारा ‘म्हारा गांव जगमग गांव’ योजना को लागू की है, जिसके अंतर्गत अभी तक प्रदेश के 5287 गांवों को शहरी तर्ज पर 24 घंटे बिजली प्रदान की जा रही है।
इस अवसर पर एचईआरसी के चेयरमैन आरके पचनंदा, एचवीपीएन के प्रबंध निदेशक टीएल सत्यप्रकाश सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इसके साथ ही ब्लू स्टार कम्पनी से विवेक खरे, डैकन कम्पनी से पंकज गुलिया व संदीप रेखी, वोल्टास कम्पनी से केतन नागपाल व हरिश दसुजा सहित अनेक अधिकारियों ने वर्चुअल भाग लिया।