CHANDIGARH: गांधी स्मारक भवन सेक्टर 16 चंडीगढ़ के तत्वावधान में विश्व पर्यावरण दिवस पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में ‘वृक्ष पानी और शुद्ध हवा जीवन जीने की अनमोल दवा’ विषय पर चर्चा हुई। इस दौरान ट्राइसिटी के प्रसिद्ध कवियों ने अपनी कविताएं भी पर्यावरण दिवस पर समर्पित कीं। इस अवसर पर वृक्षारोपण भी किया गया।
देवराज त्यागी निदेशक गांधी स्मारक भवन चंडीगढ़ ने इस अवसर पर कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस 1972 से शुरू हुआ था। पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। लोगों को पेड़ पौधे लगाने, पेड़ों को संरक्षित करने, हरे पेड़ ना काटने, नदियों को साफ रखने और प्रकृति से खिलवाड़ ना करने जैसी चीजों के लिए जागरूक किया गया।
इस अवसर पर ट्राइसिटी के कवियों ने कविता के द्वारा पर्यावरण दिवस को मनाया। इस अवसर पर प्रेम विज ने ”मैं पेड़ हूं लोग मुझे तरुवर के नाम से जानते हैं,, डॉक्टर विनोद शर्मा ने ”जहां दिखे बंजर जमीन, लगा पौधे वहां रंगीन,, डॉक्टर अनीश गर्ग ने ”सुनो मानव में धरा हूँ और राशि श्रीवास्तव ने अपनी मधुर आवाज में गीत ”पर्यावरण को बचाएं, आओ हम पेड़ लगाए डॉक्टर सरिता मेहता ने हम केवल हम ही हैं सेतु, जो सवांर सकते है पर्यावरण। कार्यक्रम में बीके गुप्ता, नीरू मित्तल, दीक्षिका, विनोद कपूर ,संतोष गर्ग, विमला गुगलानी, पापिया चक्रवर्ती, आनंद राव, गुरप्रीत, अमित कुमार, अमनदीप सिंह एवं महेंद्र सिंह आदि लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर गांधी स्मारक भवन के मुख्य चिकित्सक डॉक्टर महेंद्र पाल डोगरा ने कहा कि हम केवल पेड़ ही न लगाएं बल्कि उसकी रक्षा भी करें।