CHANDIGARH: नगर निगम द्वारा बढ़ाई गई पानी की दरों पर आज आखिरकार चंडीगढ़ प्रशासन ने रोक लगा दी। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने पानी की बढ़ी हुई दरों की वसूली पर 31 मार्च 2022 तक रोक लगाई है। यानी तब तक चंडीगढ़ के लोगों को पानी का बिल पुरानी दरों के हिसाब से ही भेजा जाएगा। पिछले कई दिनों से शहर में राजनीतिक मुद्दा बने महंगे पानी पर प्रशासक के इस फैसले से जहां भाजपा को बड़ी राहत मिली है, वहीं कांग्रेस भी खुश है। हालांकि कांग्रेस इसे अपने पानी आंदोलन का दबाव बता रही है लेकिन इस फैसले को नगर निगम चुनाव में भाजपा को फायदा दिलाने की प्रशासन की कोशिश भी करार दे रही है।
फरवरी से चल रहा कांग्रेस का पानी आंदोलन 26 से होना था तेज
बता दें कि चंडीगढ़ नगर निगम द्वारा बढ़ाई गई पानी की दरों को बड़ा मुद्दा बनाते हुए चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने फरवरी में ही आंदोलन छेड़ दिया था। इस दौरान भाजपा पार्षदों के घरों की तरफ कूच कर प्रदर्शन किया गया तो इसको लेकर भाजपाई व कांग्रेसजनों के बीच टकराव के भी हालात बने थे। इस बीच, कोरोना हालात बिगडऩे पर करीब एक महीने बाद आंदोलन स्थगित कर कांग्रेस ने 15 दिन पहले मनीमाजरा में नगर निगम दफ्तर के बाहर फिर धरना शुरू कर दिया था, जो आज भी जारी रहा। यही नहीं, चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने 26 मई से शहर के अपने सभी 35 ब्लॉकों में भी ऐसे धरने लगाने, पानी की बढ़ी दरों की अधिसूचना की कॉपी, पानी के बिल तथा भाजपा पार्षदों के पुतले जलाने का भी ऐलान कर दिया था।
चिंतित थी भाजपा, बोली-हम पहले ही भेज चुके थे प्रस्ताव
कांग्रेस के दोबारा शुरू हुए इस आंदोलन को लेकर चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा ने हालांकि कोई प्रतिक्रिया तो नहीं की लेकिन कांग्रेस के पानी आंदोलन और भाजपा की चुप्पी से शहर में भाजपा की छवि पर असर पडऩा जरूर शुरू हो गया था। इसको लेकर प्रदेश भाजपा नेतृत्व चिंतित भी था। माना जा रहा है कि पानी की दरों को लेकर प्रशासक वीपी सिंह बदनौर का ताजा फैसला प्रदेश भाजपा नेतृत्व की इसी चिंता का परिणाम है। हालांकि भाजपा का कहना है कि वह नगर निगम हाउस की मीटिंग में पहले ही प्रशासक को पानी की बढ़ी हुई दरों पर शहर की जनता को राहत देने का प्रस्ताव भेज चुकी थी, जिस पर प्रशासक ने अब यह बड़ा निर्णय लिया है।
भाजपा की चालें जग जाहिर हो चुकी हैं: लक्की
इधर, चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रस के मुख्य प्रवक्ता एचएस लक्की ने कहा है कि चंडीगढ़ के प्रशासक द्वारा पानी की बढ़ी हुई दरों पर रोक लगाना चंडीगढ़ की जनता की जीत है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस लगातार इस मुद्दे को उठा रही है और पानी की बढ़ी हुई दरों को पूरी तरह वापस लेने की मांग को लेकर पिछले 3 महीने से आंदोलन कर रही है। लक्की ने पानी की बढ़ी हुई दरों पर 31 मार्च 2022 तक रोक लगाने पर भी सवाल उठाते हुए कहा है कि इससे जाहिर है कि प्रशासक ने यह फैसला नगर निगम चुनाव के मद्देनजर भाजपा को फायदा पहुुंचाने के लिए किया है लेकिन चंडीगढ़ की जनता सब जानती है। जनविरोधी फैसले करने वाली भाजपा की चालें जग जाहिर हो चुकी हैं। निगम चुनाव में भाजपा का सफाया तय है।