पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रशासनिक जांच कमेटी को 15 दिन का समय देने पर उठाए सवाल
कहा-आपदा में जरूरतमंदों को लूटने वाले मानवता पर कलंक, ईडन अस्पताल की मदद करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों को भी किया जाए बेनकाब
इस अस्पताल का रिकार्ड तुरंत सील हो, ईडन अस्पताल का संचालन अपने हाथ में ले प्रशासन: छाबड़ा
CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष एवं पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा ने इंडस्ट्रियल एरिया स्थित ईडन हॉस्पिटल में पाई गई गड़बड़ियों को लेकर चंडीगढ़ प्रशासन पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कोरोना महामारी के भीषण संकट के दौर में ईडन हॉस्पिटल में जरूरत से कई गुना ज्यादा ऑक्सीजन खपत के मामले में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के संबंधित अधिकारियों को घेरते हुए प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच प्रशासन की कमेटी से कराने के बजाय इसकी न्यायिक जांच कराई जाए। साथ ही यह भी पड़ताल की जाए कि प्रशासन द्वारा गठित कमेटी को जांच के लिए 15 दिन का समय क्यों और किसके दबाव में दिया गया है ?
अन्य अस्पतालों में सिर्फ 90 सिलैंडर ऑक्सीजन की खपत
प्रदीप छाबड़ा ने एक बयान जारी कर बताया कि कोरोना मरीजों के लिए मेडीकल ऑक्सीजन की कमी के बीच बढ़ती जरूरत को देखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन ने हाल ही में शहर में स्थित सभी प्राइवेट अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन सप्लाई को रेशनलाइज्ड करने व हर अस्पताल के लिए प्रति दिन ऑक्सीजन कोटा तय करने का फैसला किया था। इस दौरान प्रशासन यह देखकर चौंक गया कि इंडस्ट्रियल एरिया स्थित ईडन क्रिटिकल केयर हॉस्पीटल में रोजाना 350 से 400 सिलैंडर ऑक्सीजन की असामान्य खपत हो रही है, जबकि इसी अस्पताल जैसी 50 कोविड बैड केपेसिटी वाले अन्य प्राइवेट अस्पतालों में रोजाना अधिकतम केवल 90 सिलैंडर तक ऑक्सीजन की खपत होती है।
कमेटी में योग्य-ईमानदार अफसर व डॉक्टर, फिर 15 दिन क्यों ?
छाबड़ा ने कहा कि ईडन अस्पताल में बेहद गंभीर अनियमितता का यह हैरानीजनक मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने पीसीएस अधिकारी जगजीत सिंह के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन कर इस कमेटी को 1 अप्रैल 2021 से अब तक ईडन क्रिटिकल केयर हॉस्पीटल में मेडीकल ऑक्सीजन की असामान्य खपत की जांच करने का आदेश दिया है। इस कमेटी में गवर्नमेंट मल्टी स्पेेशिएलिटी हॉस्पीटल (जीएमएसएच) सेक्टर-16 के डॉ. मंजीत सिंह व गवर्नमेंट मेडीकल कालेज एवं हॉस्पीटल (जीएमसीएच) सेक्टर-32 के डॉ. मनप्रीत सिंह को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। छाबड़ा का कहना है कि इस जांच कमेटी में सभी योग्य तथा ईमानदार अफसर व डॉक्टर हैं, फिर भी प्रशासन ने इस कमेटी को जांच के लिए 15 दिन का समय दिया है, जिससे खुद प्रशासन की मंशा भी सवालों के घेरे में आ गई है।
कालाबाजारी प्रशासनिक तंत्र की मिलीभगत के बिना संभव नहीं
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि इस पूरे मामले से इतना तो स्पष्ट है कि ईडन अस्पताल प्रबंधन ने महामारी के संकट में एक-एक सांस के लिए तरसते लोगों को ऑक्सीजन मुहैया कराने के लिए सरकारी सहायता का दुरुपयोग किया है। इस पूरे मामले में ऑक्सीजन की कालाबाजारी का संदेह भी स्पष्ट है और यह भी तय है कि यह पूरा खेल प्राइवेट अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई सुुनिश्चित करने वाले प्रशासनिक तंत्र की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। छाबड़ा ने कहा कि इस पूरे मामले में सिर्फ ईडन अस्पताल की ही नहीं, बल्कि संबंधित प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जानी चाहिए, जो कि प्रशासन के स्तर से संभव नहीं दिखती। इसलिए इस मामले की न्यायिक जांच जरूरी है।
अस्पताल के बाहर धरना लगाने की चेतावनी
पूर्व मेयर छाबड़ा ने कहा कि आज जब पूरा देश मेडीकल ऑक्सीजन की कमी से परेशान है। लोग अपनों की सांसें बचाने के लिए ऑक्सीजन की तलाश में भागते फिर रहे हैं, तब ऐसी आपदा में जरूरतमंदों को लूटने वाले मानवता पर कलंक हैं। ऐसे लोगों को उपलब्ध शुरूआती सबूतों के आधार पर ही तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। छाबड़ा ने कहा कि ईडन अस्पताल में भर्ती हुए कोरोना मरीजों से कितना-कितना बिल वसूला गया और जरूरत से ज्यादा ऑक्सीजन लेकर उसे कहां-कहां बेचा गया, इसकी गहराई से जांच की जाए। साथ ही ईडन अस्पताल का पूरा संबंधित रिकार्ड तुरंत सील किया जाए, ताकि उसे खुर्द-बुर्द न किया जा सके। इसके अलावा प्रशासन इस अस्पताल का प्रबंधन प्राइवेट हाथों से छीनकर अपने हाथ में ले। छाबड़ा ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इस मामले में कोताही बरती गई तो वह लोगों को साथ लेकर ईडन अस्पताल के बाहर धरना देंगे।