शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा कम पॉजि़टिव दर होने के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में 58 प्रतिशत कोविड-19 मौतें दर्ज
CHANDIGARH: कोरोना वायरस का जल्दी टैस्ट करवाने और इसके इलाज की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने पंजाब के लोगों से अपील की कि वह कोविड-19 के हलके लक्षणों को जानलेवा बीमारी में बदलने से पहले स्वास्थ्य संस्थाओं में जाकर जांच करवाएं। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड के अनुसार स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए दिशा-निर्देशों और इलाज की पालना करते हुए राज्य में घरेलू एकांतवास के अधीन 1,85,000 से अधिक कोविड-19 के मरीज़ ठीक हुए हैं।
स. सिद्धू ने बताया कि 1 जनवरी 2021 से 12 अप्रैल 2021 तक पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों में 58 प्रतिशत कोविड मौतें दर्ज की गई हैं और 27 प्रतिशत पॉजि़टिव केस दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि शहरी आबादी में 73 प्रतिशत पॉजि़टिव केस और 42 प्रतिशत कोविड मौतें दर्ज की गई हैं। इससे स्पष्ट होता है कि गाँवों में शहरों की अपेक्षा कोरोना के मामले कम होने के बावजूद भी मौतें ज्य़ादा हो रही हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि शहरी क्षेत्रों में 0.7 प्रतिशत के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड से होने वाली मृत्यु दर (केस फैटिलिटी रेट) 2.8 प्रतिशत है। उन्होंने आगे कहा कि इस समय पंजाब में मृत्यु दर 2.0 प्रतिशत है।
कोविड-19 मरीज़ों संबंधी गंभीर चिंता ज़ाहिर करते हुए स. सिद्धू ने कहा कि कोविड मरीज़ों द्वारा गंभीर लक्षण आने पर अस्पताल पहुँचने की दर बहुत ज़्यादा है। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड के अनुसार 1 जनवरी से 12 अप्रैल तक पहली बार स्वास्थ्य संस्थाओं में आने वाले 83.92 प्रतिशत मरीज़ों की हालत गंभीर थी, जबकि 0.11 प्रतिशत दर्मियाने लक्षणों वाले और सिफऱ् 7 प्रतिशत मरीज़ हलके लक्षणों वाले थे।
उन्होंने आगे बताया कि इस समय के दौरान 0 से 14 साल के उम्र वर्ग में सिफऱ् एक कोविड-19 मरीज़ की मौत दर्ज की गई है, जबकि 15 से 50 साल के उम्र वर्ग में 17.5 प्रतिशत मौतें दर्ज की गई हैं और 82.5 प्रतिशत मौतें 51 साल से अधिक उम्र वर्ग की हैं।
सह-रोगों वाले पीडि़त मरीज़ों के लिए जोखि़मों के बारे में बताते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उच्च रक्तचाप और मधुमेह के मरीज़ों को सलाह दी जाती है कि वह कोविड-19 सम्बन्धी सुरक्षा नियमों की सख़्ती से पालना करें, क्योंकि उनको कोरोना वायरस का सक्रमण होने का ख़तरा बाकियों की अपेक्षा अधिक है।