CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने शहर में वीकेंड लॉकडाउन को व्यर्थ बताते हुए इसे भाजपा नियंत्रित चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से महज आईवॉश करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता एवं पार्षद श्रीमती गुरबख्श रावत की ओर से मीडिया को जारी एक बयान में पार्टी के हवाले से कहा गया है कि चंडीगढ़ प्रशासन ने कोविड-19 के खिलाफ युद्ध में चींटी की गति से काम किया है, विशेष रूप से दूसरी लहर में प्रशासन पूरी तरह नाकाम है।
अपनी अक्षमता और लापरवाही छिपा रहा प्रशासन
बयान में कहा गया है कि चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा असामाजिक और सुस्त दृष्टिकोण भयावह है, क्योंकि शहर में कोरोना मामलों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। कोरोना की इस दूसरी लहर में अपनी अक्षमता और लापरवाही को छिपाने के लिए प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के और जनप्रतिनिधि व कारोबारियों से मशविरा किए बगैर वीकेंड लॉकडाउन का फैसला कर दिया। इससे उद्योग, व्यवसाय, छोटे व्यापारी और स्ट्रीट वैंडर्स प्रभावित हुए हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित गरीब दिहाड़ीदार मजदूर है। इसलिए मजदूर वर्ग फिर से भयभीत दिख रहा है और बड़े पैमाने पर पलायन शुरू हो गया है, जो शहर के उद्योग और अर्थव्यवस्था को फिर बुरी तरह प्रभावित करेगा।
तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने कहा है कि प्रशासन कोरोना की दूसरी लहर को रोकने में विफल रहा है। स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की तैयारी में कमी देखी जा रही है। जो काम पिछले 1 साल में चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा किया जाना चाहिए था, वह नहीं किया। कांग्रेस ने कहा कि प्रशासन ने लॉकडाउन लगाकर निर्ममतापूर्वक व्यवहार किया है। गरीबों और वंचितों के बारे में कोई ध्यान नही रखा। पार्टी ने कहा कि स्ट्रीट वैंडर्स आजीविका के नुकसान से अत्यधिक तनाव में हैं। कांग्रेस का कहना है कि जब पंचकूला व मोहाली दोनों खुले हुए हैं तो चंडीगढ़ में वीकेंड लॉकडाउन लगाना पूरी तरह अर्थहीन है। प्रशासन पिछली गलतियों से सीखता नहीं दिख रहा है। चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने शहर में कोरोना की बिगड़ती स्थिति और शहरवासियों के जीवन को बचाने के लिए जरूरी कदमों पर चर्चा करने को तत्काल एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की और कहा कि प्रशासन ऐसे कदम उठाए, जिससे आम आदमी अपनी जरूरतों को पूरा कर सके, भूख व बेरोजगारी से न मरे और कोरोना से भी उसका बचाव हो।