CHANDIGARH: पंजाब कैबिनेट द्वारा बुधवार को सज़ायाफ्ता कैदियों के लिए संशोधित माफी नीति 2010 को मंज़ूर कर लेने से अब पंजाब में कैदी सज़ा में एक बार छूट लेने के बजाए समय-समय पर छूट लेने के लिए योग्य होंगे।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व अधीन कैबिनेट की वर्चुअल मीटिंग में इस संशोधित माफी नीति, 2021 को हरी झंडी दे दी, जिससे पहली नीति के अधीन 10 से 20 साल की सज़ा प्राप्त कैदियों के बजाय उम्र कैद की सज़ा भुगत रहे कैदियों समेत 10 साल से अधिक की सज़ा भुगत रहे कैदी सज़ा में छूट के योग्य होंगे।
संशोधित नीति के अंतर्गत भारतीय दंड संहिता की धारा 302 या 304, 1860 जिसको सिफऱ् भारतीय दंड संहिता की धारा 376 से 376-डी या 377 के साथ पढ़ा जाए, की बजाय अब दोषी भारतीय दंड संहिता की धारा 302 या 304, 1860 जिसको भारतीय दंड विधान की धारा 376, 376-ए, 376-ए.बी., 376-बी, 376-सी, 376-डी, 376-डीए, 376-डी.बी., 376-ई या 377 के साथ पढ़ा जाए, अधीन किए गए जुर्मों के लिए समय-समय पर मिलने वाली सज़ा माफी लेने के योग्य होंगे।
मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्धी कोई अन्य बदलाव सुझाने के लिए जेल विभाग को अधिकृत किया है।
याद रहे कि 16 मार्च, 2020 को उम्र कैद की सज़ा प्राप्त कैदियों की आगामी रिहाई के मामलों पर विचार करते हुए इस मंतव्य के लिए सरकार के स्तर पर बनी एक कमेटी के ध्यान में आया कि माफी नीति-2010 में कुछ अस्पष्टता थी। कमेटी ने यह भी पाया कि कुछ प्रस्तावों संबंधी 2010 की यह नीति ख़ामोश थी। इस माफी नीति में यह स्पष्ट नहीं था कि पंजाब सरकार द्वारा ऐलान सज़ा माफी क्या दोषियों को हरेक साल दी जा सकती है या सज़ा के समय के दौरान सिफऱ् एक बार माफी मिल सकती है। इसलिए तब महसूस किया गया कि तारीख़ 30 सितम्बर 2010 को दिखाई माफी नीति में कुछ संशोधनों की ज़रूरत है।
इस माफी नीति की गहराई से जाँच-पड़ताल के बाद यह महसूस किया गया था कि इसमें कुछ संशोधनों की ज़रूरत है। यह संशोधनें अब नई माफी नीति 2021 में शामिल कर ली गई हैं, जिससे पंजाब की जेलों में बंद कैदी समय-समय पर ऐलान की गई सज़ा माफी का लाभ हासिल कर सकें। इसके अलावा महिलाओं के विरुद्ध अपराधों से सम्बन्धित कुछ अन्य अहम संशोधनों को इस नई नीति में शामिल किया गया है, जो आई.पी.सी. में प्रभावी हैं।
जि़क्रयोग्य है कि पंजाब सरकार ने राज्य की जेलों में सज़ा भुगत रहे दोषियों को विभिन्न मौकों पर दी जाने वाली सज़ा माफी का लाभ देने के लिए 2010 में यह नीति बनाई थी।
पुलिस प्रशासन की रिपोर्ट मंज़ूर
पंजाब कैबिनेट ने आज पुलिस विभाग की वर्ष 2018 की वार्षिक प्रशासनिक रिपोर्ट भी स्वीकृत कर ली।