कोरोनाकाल में रोजगार दिलाने में मदद कर रहा स्किल इंडिया मिशन, जानिए कैसे

NEW DELHI: दुनिया में सबसे ज्यादा युवा भारत में है। इस युवा शक्ति के कौशल का लाभ उठाकर भारत दुनिया में आर्थिक ताकत बन कर उभर रहा है। इसको और गति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार में आते ही 2014 में कौशल और उद्यम मंत्रालय की स्थापना की जिसका एकमात्र उद्देश्य था, देशभर में कौशल विकास के प्रयासों का समन्वय करना और उन्हें एक मंच प्रदान करना।

2015 में प्रधानमंत्री ने की ‘स्किल इंडिया मिशन’ की शुरुआत

2015 में इन प्रयासों को एक कदम और आगे ले जाते हुए प्रधानमंत्री ने ‘स्किल इंडिया मिशन’ की शुरुआत की, जिसके तहत 2022 तक देश के 40 करोड़ लोगों को विभिन्न कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण देना तय हुआ। इसकी जिम्मेदारी ‘नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन’ को दी गई, जिसने अनेक सेक्टर में कई तरह के कदम उठाए व जिनमें कई प्राइवेट संस्थाओं का भी साथ लिया गया।

2014 में हुई थी ‘टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल’ की स्थापना

ऐसी ही एक संस्था है ‘टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल’, जो नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के तहत मान्यता प्राप्त है। इसका मुख्य उद्देश्य टेलीकॉम सेक्टर से संबंधित कौशल विकास का परीक्षण देना है ताकि टेलीकॉम के क्षेत्र में वैश्विक स्तर के कर्मचारी विकसित हो सकें और देश के विकास में अपना योगदान दे सकें। ‘टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल’ की स्थापना 2014 में हुई थी।

टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल के देशभर में 1000 से अधिक प्रशिक्षण केंद्र

‘टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल’ के देशभर में 1000 से अधिक प्रशिक्षण केंद्र हैं, जो देश के हर हिस्से में स्थित है। यह 46 से ज्यादा कोर्स में प्रशिक्षण देते हैं। इसमें अब तक 10 लाख से अधिक युवक-युवतियों का नामांकन हो चुका है और लगभग 7 लाख लोगों को प्रमाण-पत्र दिए जा चुके हैं। प्रमाण पत्र प्राप्तकर्ता ये सभी लोग रोजगार के लिए प्रशिक्षित हो चुके हैं। संस्था के एक अधिकारी के मुताबिक़ क़रीब 70% से अधिक लोगों को रोज़गार मिल जाता है।

ये संस्था 40 से अधिक कंपनियों के साथ काम करती है

ये संस्था 40 से अधिक कंपनियों के साथ काम करती है, जो प्रशिक्षण पूरा होने के बाद इन छात्रों को नौकरी देती हैं। हालांकि कोरोना के बाद चुनौतियां बढ़ गई जिसका प्रभाव इनके काम पर भी पड़ा। 46 कोर्स में से कुछ मुख्य कोर्स को चुनकर जिनको ऑनलाइन पढ़ाना संभव था, इन्होंने अपना काम जारी रखा। मैन्युफ़ैक्चरर और तकनीक सेगमेंट को छोड़कर सर्विस सेगमेंट की पढ़ाई जारी राखी, जिसमें कॉल सेंटर एग्जीक्यूटिव, सेल्स एग्जीक्यूटिव आदि की पढ़ाई शामिल थी। कई छात्रों को इस महामारी में भी नौकरी मिली है, जो इस महामारी में वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। ~(PBNS)

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