कहा- बीबीएमबी मामले में भी हर संभव कदम उठाएगी पंजाब सरकार
CHANDIGARH, 4 MARCH: यूक्रेन में फंसे पंजाब के विद्यार्थियों के संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, उप मुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी, कैबिनेट मंत्री डॉ. राजकुमार वेरका, कैबिनेट मंत्री सुखबिंदर सिंह सुख सरकारिया, कैबिनेट मंत्री त्रिपत राजिंदर सिंह बाजवा, विधायक बरिंदरमित सिंह पाहडा, विधायक हरमिंदर सिंह गिल तथा विधायक कुलबीर सिंह जीरा मौजूद रहे।
कैबिनेट मंत्री डॉ. राजकुमार वेरका ने बताया कि यूक्रेन में फंसे पंजाब के विद्यार्थियों को लेकर पंजाब सरकार लगातार केंद्र सरकार के संपर्क में बनी हुई है। यूक्रेन में पंजाब के एक हज़ार से अधिक विद्यार्थी फंसे हुए थे, जिनमें से 75 प्रतिशत विद्यार्थियों को पंजाब वापस लाया जा चुका है और अब करीब 300 के आसपास छात्र वहां हैं, जो एक-दो दिन में वापस भारत आ जायेंगे। डॉ. वेरका ने बताया कि यूक्रेन में पंजाब के एक बच्चे का देहांत हो गया था, उसकी बॉडी वापस लाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री को चिठ्ठी लिखी गयी है और पंजाब सरकार को उम्मीद है कि भारत सरकार इस पर गंभीरता से गौर करेगी और उसके शव को जल्दी से जल्दी भारत लाया जायेगा।
डॉ. वेरका ने बताया कि मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च मंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री ने उनकी ड्यूटी लगाई है कि यूक्रेन में पंजाब से सम्बंधित मेडिकल छात्रों की पढ़ाई और डिग्री अधूरी न रहे, इसके लिए जरूरी कदम उठाये जाएं। इसके चलते वह केंद्र सरकार के मंत्रियों के समपर्क में हैं। पंजाब सरकार द्वारा इन पीड़ित छात्रों के लिए विशेष प्रावधान बनाये जाने के लिए भारत सरकार और आईएमए से वह बात कर रहे हैं।
डॉ. वेरका ने बताया कि इस बैठक में उन ख़बरों की भी निंदा की गयी, जिनमें कहा गया था कि यूक्रेन में फंसे पंजाब के विद्यार्थियों के मामले में पंजाब सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही, जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री से लेकर पूरी कैबिनेट इस मुद्दे पर गंभीरता से कदम बढ़ा रही है। डॉ. वेरका ने बताया कि इस बैठक में भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड में पंजाब एवं हरियाणा की स्थायी सदस्यता केंद्र द्वारा कथित तौर पर समाप्त करने पर भी कड़ी आपत्ति जताई गयी। उन्होंने कहा कि बीबीएमबी में हरियाणा और पंजाब का प्रतिनिधित्व समाप्त कर नरेंद्र मोदी नीत केन्द्र सरकार ने फिर से हरियाणा और पंजाब के अधिकारों को कुचला है लेकिन पंजाब सरकार इसका कड़ा विरोध करती है और पंजाब को बचाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।