श्री गुरू तेग़ बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व के मौके पर हर गांव में 400 पौधे लगाने की मुहिम की शुरू
मुल्लांपुर में 37 एकड़ में विकसित किया जायेगा नगर वन, 2.5 एकड़ में बनाया गया चंदन की लकड़ी का कलस्टर
CHANDIGARH: 71वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव मनाने सम्बन्धी आज मुल्लांपुर जंगल में पौधे लगाए गए। वन और वन्य जीव सुरक्षा मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने इस समागम की अध्यक्षता की। इस मौके पर श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व को समर्पित हरगाँव में 400 पौधे लगाने की मुहिम भी शुरू की गई।
इस मौके पर संबोधन करते हुये वन मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री पंजाब की हिदायतों के अनुसार श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के 400वें प्रकाश उत्सव को मनाने के लिए हर गाँव में 400 पौधे लगाए जाएंगे। ग्रीनिंग पंजाब मिशन के तहत यह मुहिम चलाई जा रही है और इस मुहिम के अंतर्गत पंजाब राज्य के कुल 12986 गाँवों में लगभग 52 लाख पौधे लगाए जा रहे हैं।
मुल्लांपुर वन क्षेत्र में ‘नगर वन ’ स्थापित करने के काम की शुरूआत करते हुये उन्होंने बताया कि इसको 37 एकड़ क्षेत्रफल में विकसित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वन विभाग को गमाडा ने मुल्लांपुर-सिसवां सडक़ के निर्माण के लिए विभाग की तरफ से दी ज़मीन के बदले उक्त ज़मीन दी गई थी।
इस ज़मीन का ज़्यादातर हिस्सा बंजर था परन्तु विभाग के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप कई किस्मों के पौधे लगाने की कोशिश और जांच की गई और अंत में इस क्षेत्र को ‘नगर वन ’ के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इसके चारों तरफ़ कँटीली तार लगाई जायेगी और वन में से निकलने के लिए रास्ते बनाऐ जाएंगे जिससे लोग इस क्षेत्र का दौरा कर सकें और वन की सुंदरता का आनंद का लुफ्त ले सकें। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र लोगों को ताज़ी और शुद्ध हवा मुहैया करवाने में सहायक सिद्ध होगा।
वन मंत्री ने बताया कि मुल्लांपुर के जंगलों में 2.5 एकड़ क्षेत्रफल में एक चंदन की लकड़ी का कलस्टर भी स्थापित किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि चंदन के वृक्षों की वृद्धि के लिए यह तजुर्बा काफ़ी सफल रहा है। दरअसल, यह नया कलस्टर देश व्यापी रूचि को बढ़ा रहा है और वुड्ड इंस्टीट्यूट बेंगलुरु के वनस्पती वैज्ञानियों ने भी इस साइट का दौरा किया।
उन्होंने आगे बताया कि वन विभाग की ज़मीन को कब्ज़े से मुक्त करने का काम मिशन के तौर पर किया गया है जिसके अंतर्गत पठानकोट के 12000 एकड़ क्षेत्रफल समेत 20,000 एकड़ क्षेत्रफल से कब्ज़े हटाए गए हैं। इस सम्बन्धी कानूनी दख़ल जारी है और जल्द ही ज़मीन का अन्य बड़ा हिस्सा फिर वन विभाग के अधीन आ जायेगा।
मंत्री ने बताया कि भारत के वन संबंधी सर्वेक्षण के द्वारा किये गए सैटेलाइट मूल्यांकन के अनुसार पंजाब में ग्रीन कवर 900 वर्ग किलोमीटर से बढक़र 1800 वर्ग किलोमीटर हो गया है और पिछले दो सालों में 11 वर्ग किलोमीटर का विस्तार हुआ है।
उन्होंने कहा कि वन के अधीन क्षेत्रफल को दोगुना करना एक बड़ा कार्य है और इसमें और विस्तार करने के लिए हमें योजनाबद्ध ढंग से पौधे लगाने की जरूरत है।यह भी बताया गया कि वन विभाग ने साल 2020 -21 के दौरान विभिन्न योजनाओं के द्वारा लगभग 5237 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पौधे लगाने लक्ष्य निश्चित किया है। विभाग की तरफ से एग्रो फोरेस्टी स्कीम के अंतर्गत किसानों को उनकी ज़मीनों में 24 लाख पौधे लगाने के लिए सहायता दी जा रही है।
आई-हरियाली एप 2018 -19 में लांच की गई थी जोकि काफ़ी सफल रही। अब तक इस एप को 2,94,250 व्यक्तियों की तरफ से डाउनलोड किया गया है और आई-हरियाली एप के द्वारा 306568 पौधे दिए जा चुके हैं।
धर्मसोत ने कहा कि सिफऱ् पौधे लगाना ही काफ़ी नहीं है। यह भी यकीनी बनाना चाहिए कि हर एक पौधा एक पेड़ बने, इसलिए ‘वन मित्र ’ नामक एक पौधे के बचाव पर आधारित प्रोत्साहन स्कीम शुरू की गई है जिसके अंतर्गत लोगों को पौधों की देखभाल के लिए भुगतान किया जाता है।
जि़क्रयोग्य है कि कोरोना महामारी के फैलाव के कारण वन महोत्सव जुलाई महीने में नहीं करवाया गया। सावधानी इस्तेमाल करते हुये कोई सार्वजनिक जलसा नहीं किया गया और समूचा समागम राज्य स्तर के साथ साथ वन मंडल स्तर पर भी करवाया गया और वीडियो काँफ्रंसिंग के द्वारा इस का प्रसारण किया गया।
इस मौके पर ए.सी.एस. (वन और वन्य जीवन संभाल) रवनीत कौर, प्रमुख चीफ़ कंजरवेटर वन जतिन्दर शर्मा, सौरभ गुप्ता, परवीन कुमार और वन विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।