पंजाब में कृषि और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए 69,000 करोड़ के अहम प्रोजेक्ट

CHANDIGARH: मुख्य सचिव विनी महाजन ने आज यहाँ बताया कि पंजाब के कृषि और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए 69,000 करोड़ रुपए की लागत वाले अहम बुनियादी ढांचा विकास प्रोजेक्ट कार्य अधीन हैं। 

महाजन यहाँ विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिवों और डिप्टी कमीशनरों के साथ चल रहे बुनियादी ढांचा विकास प्रोजेक्टों की प्रगति सम्बन्धी समीक्षा मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे थे।

मुख्य सचिव ने सम्बन्धित विभागों और सभी डिप्टी कमीशनरों को राज्य में चल रहे सभी बुनियादी ढांचा विकास प्रोजेक्टों की रफ़्तार में और तेज़ी लाने और इनको समयबद्ध ढंग से मुकम्मल करने के निर्देश दिए।

महाजन ने प्रोजेक्ट मोनिटरिंग ग्रुप (पी.एम.जी.) अधीन 8 बड़े बुनियादी ढांचा विकास प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए कहा, जिनमें राजपुरा -बठिंडा और भानूपली -बिलासपुर रेल लाईन, डैडीकेटिड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण आदि शामिल हैं। इन प्रोजेक्टों में तकरीबन 69000 करोड़ रुपए का निवेश शामिल है।

महाजन ने कहा, ‘‘यह प्रोजेक्ट खेती प्रधान राज्य पंजाब की कृषि के साथ साथ राज्य के औद्योगिक विकास के भविष्य के लिए लाभदायक हैं, जो राज्य के लिए जीवन रेखा साबित होंगे।’’ उन्होंने अधिकारी को इन प्रोजेक्टों को लागू करने के लिए और सक्रिय भूमिका निभाने के लिए कहा। 

मीटिंग के दौरान विभिन्न प्रोजेक्टों संबंधी मुख्य सचिव को विस्तृत जानकारी देते हुये लोक निर्माण (बी एंड आर) के प्रमुख सचिव विकास प्रताप ने बताया कि साहनेवाल (पंजाब) से डानकुनी (पश्चिमी बंगाल) तक इस्टर्न डैडीकेटिड फ्रेट कॉरिडोर, जिसकी लंबाई 1856 किलोमीटर है, का निर्माण किया जा रहा है, जो पंजाब से पूर्वी और भारत के पश्चिमी तट्टों की बंदरगाहों तक तेज़ी से माल की ढुलाई की सुविधा प्रदान करेगा। पंजाब में इस रास्ते की लंबाई 88 किलोमीटर है और इसमें 26 रेलवे ओवर और अंडर ब्रिज भी शामिल हैं। यह प्रोजेक्ट अनाज, औद्योगिक वस्तुओं आदि की पंजाब से अन्य राज्यों में निर्विघ्न यातायात के लिए लाभदायक साबित होगा।

मीटिंग के दौरान महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग प्रोजेक्टों की प्रगति का जायज़ा भी लिया गया जिसमें दिल्ली-अमृतसर -कटरा ऐक्सप्रैस वे शामिल है जो अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, कपूरथला, संगरूर, पटियाला आदि को इस ऐक्सप्रैस वे के द्वारा राष्ट्रीय राजधानी के साथ जोड़ेगा। इसके इलावा एन.एच.ए.आई. और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ अमृतसर -बठिंडा (ग्रीनफील्ड) हाईवे, जालंधर और लुधियाना बाइपास, लुधियाना -रूपनगर (ग्रीनफील्ड) हाईवे, मलोट -अबोहर -साधूवाली हाईवे जैसे अहम प्रोजेक्टों की समीक्षा भी की गई।  

मुख्य सचिव ने समूह डिप्टी कमीशनरों को लोक निर्माण विभाग (बी एंड आर) और एन.एच.ए.आई. से सम्बन्धित अधिकारियों के साथ तालमेल करके ज़मीन ग्रहण, साजो-सामान की तबदीली और वन सम्बन्धी मंजूरी, अगर कोई हो, के मुद्दों को हल करने के लिए कहा जिससे इन बड़े राजमार्गों को समय पर मुकम्मल किया जा सके।

लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव ने बताया कि ग्रहण की ज़मीन के मुआवज़े सम्बन्धी मसलों के निपटरारे के लिए चार सेवामुक्त अफसरों को सालस नियुक्त किया गया है। लोक निर्माण विभाग की तरफ से राज्य के सभी 23 जिलों को कवर करने के लिए दो और सेवामुक्त अफसरों को सालस के तौर पर नियुक्त करने की भी तैयारी की जा रही है।

error: Content can\\\'t be selected!!