मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में कानून लागू करने वाले तंत्र को और मजबूत करने के लिए नई पहलकदमियों का ऐलान
अब सभी जिलों में होंगे तकनीकी, नार्काेटिक्स, सोशल मीडिया, फोरेंसिक और एंटी-सैबटश यूनिट
CHANDIGARH: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने देश की अपनी किस्म के पहले कदम का ऐलान करते हुए कहा कि जिला स्तर पर समर्पित तकनीकी यूनिट, नार्काेटिक् यूनिट, सोशल मीडिया यूनिट और एंटी-सैबटश़ जांच टीमें होंगी जिससे राज्य की कानून लागू करने वाला तंत्र और मजबूत होगा।
पुलीसिंग और जांच-पड़ताल में नयी चुनौतियों से निपटने के लिए राज्य की कानूनी शक्ति को और मजबूत करने के लिए इस कदम का ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चार साल के समय के दौरान अमन -कानून की स्थिति को स्थिर बनाने के बाद उनकी सरकार कानून लागू करने वाली शक्ति को और कारगर बना रही है जहाँ डिजिटल और साईबर अपराध जैसे नये युग के जुर्मों की तरफ ध्यान केंद्रित किया जायेगा और समाज के अन्य वार्गों सहित कमजोर वर्गों की सुरक्षा बढ़ाई जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे विशेष तरह के जुर्मों से निपटने के लिए 3100 डोमेन माहिरों के अलावा सब-इंस्पेक्टर और कांस्टेबल के स्तर पर 10000 पुलिस कर्मचारी भर्ती किये जाएंगे जिनमें से 33 प्रतिशत महिलाएं होंगी जिससे जमीनी स्तर पर फोर्स बढ़ाने के साथ-साथ प्रभावी पुलीसिंग को यकीनी बनाया जा सके।कैप्टन अमरिन्दर सिंह, जिनके पास गृह मामलों का भी विभाग है, ने बताया कि अपराध के बदल रहे तौर -तरीकों से जुर्मों की रोकथाम और पड़ताल प्रभावी तरीके से डोमेन माहिरों के सहयोग के लिए पंजाब पुलिस द्वारा जल्द ही 3100 विशेष पुलिस अफसरों और डोमेन माहिरों की भर्ती की जायेगी जो लॉ, फोरेंसिक, डिजिटल फोरेंसिक, सूचना प्रौद्यौगिकी, डाटा माइनिंग, साईबर सुरक्षा, खुफिया अध्ययन, मानव संसाधन प्रबंधन और विकास एवं सडक़ सुरक्षा योजना और इंजीनियरिंग से सम्बन्धित है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पुलिस फोर्स में बदलाव लाने के उद्देश्य से बनाए गए इस कदम से पंजाब डोमेन माहिरों की सेवाएं हासिल करने वाला देश का पहला राज्य होगा। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे कहा कि उनकी सरकार द्वारा राज्य में अमन-कानून की व्यवस्था कायम रखने और आम आदमी की सुरक्षा यकीनी बनाने के लिए किये गए वादों के तर्ज पर कई कदमों को सफलतापूर्वक लागू कर देने के बाद इस कदम से पुलिस विभाग को अगले स्तर तक ले जाया जायेगा।
इन पहलकदमियों का विवरण देते हुए डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने बताया कि इन डोमेन माहिरों में तकरीबन 600 लॉ ग्रैजुएट, 450 क्राइम सीन जाँचकर्ता, कानून, कॉमर्स, डेटा माइनिंग, डेटा ऐनलसिस में तजुर्बे और विशेष योग्यता वाले 1350 आई.टी. माहिर शामिल होंगे जिनको साईबर जासूसी, वित्तीय जासूसी, कत्ल मामलों में जासूसी, सैक्स हमले और बलात्कार के मामलों में जासूसी के लिए लगाया जायेगा। पंजाब सरकार राज्य के सभी जिलों में फैमिली काउंसलिंग सैंटरों और महिला हैल्पडेस्क पर तैनाती के लिए 460 के करीब शिक्षित और योग्यता प्राप्त काउंसलर, क्लिनीकल साईकोलॉजिस्ट और विकटिम स्पोर्ट अफसरों की भी भर्ती करेगी।
पुलिस में महिला शक्ति को और बढ़ाने के लिए 3400 नयी महिला पुलिस मुलाजिमें भर्ती की जाएंगी। ज्यादातर सब इंस्पेक्टर और कांस्टेबल के रैंक पर भर्ती की जाने वाली ये मुलाजिम पंजाब पुलिस में 10 हजार मुलाजिमों को भर्ती करने के लिए चलाई मुहिम का ही हिस्सा होंगी। श्री गुप्ता ने कहा कि इससे कुल भर्ती में औरतों को 33 प्रतिशत हिस्सेदारी देने की पंजाब सरकार की वचनबद्धता भी पूरी होगी और पंजाब पुलिस में अलग-अलग पदों पर महिला मुलाजिमों को पुरुष पुलिस मुलाजिमों के बराबर मुकाबला करने का मौका भी मुहैया करेगी। इन पुलिस मुलाजिमों में 300 औरतों को सब इंस्पेक्टर के तौर पर भर्ती किया जायेगा, जबकि 3100 को पंजाब पुलिस में कांस्टेबल के तौर पर सेवा करने का मौका मिलेगा।
डी.जी.पी. ने कहा कि एक बार इन महिला पुलिस मुलाजिमों की नियुक्ति होने और साल 2021 की दूसरी या तीसरी तिमाही में इनके पंजाब पुलिस का हिस्सा बनने के बाद राज्य के 382 थानों में से प्रत्येक को पुलिस स्टेशन लॉ अफसर और कम्युनिटी और विकटिम स्पोर्ट अफसर (पीडि़त सहयोगी अधिकारी) मिल जायेगा। इसी तरह सरहदी थानों समेत पंजाब के 170 बड़े थानों में फोरेंसिक अफसर और क्राइम डेटा ऐनालिस्टस तैनात होंगे। इसके अलावा राज्य में 100 सब डिवीजनों में से प्रत्येक में साईबर क्राइम डिटैक्टिव भी लगाए जाएंगे।
ये पहलकदमियां राज्य सरकार की औरतों की सुरक्षा और उनको मान-सम्मान देने की उस वचनबद्धता का हिस्सा हैं, जिसके अंतर्गत कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार ने हाल ही में औरतों के लिए 181 हेल्पलाइन और रात को औरतों को उनके आवास स्थान या काम वाली जगह पर छोडऩे की सुविधा शुरू की थी। राज्य के तीन पुलिस कमिश्नरेट और शहरी जिलों में फैमिली काउंसलिंग सैंटर स्थापित करने और विवाह और पारिवारिक झगड़े के मामलों में जल्द हल निकलना यकीनी बनाने के लिए राज्य के सभी 382 थानों में वूमन हेल्प डैस्क जल्द ही कार्यशील होंगे। इससे मुश्किलों से जूझ रही औरतों, बच्चों और बुजुर्गों को मदद मिलेगी और घरेलू हिंसा के मामलों का जल्द निपटारा किया जा सकेगा।
वूमन हेल्प डैसकों पर तैनात ये महिला पुलिस अफसर सम्बन्धित इलाके में रह रही औरतों के लिए एक मात्र संपर्क सूत्र के तौर पर काम करेंगी। इन पुलिस अफसरों के नाम और फोन नंबर पंजाब पुलिस की वैबसाईट पर दर्शाए जाएंगे। पंजाब सरकार फैमिली काउंसलिंग सैंटरों और वूमन हेल्प डैसकों पर तैनाती के लिए 460 शिक्षित और योग्यता प्राप्त काउंसलर, क्लिनीकल साईकोलॉजिस्ट और कम्युनिटी एंड विकटिम स्पोर्ट अफसरों की भी भर्ती करेगी।इसके साथ ही पंजाब में बढ़ते यातायात के कारण गंभीर हादसों की संख्या बढऩे को मद्देनजर रखते हुए 15 शिक्षित सिविल इंजीनियर और प्लैनरों की रोड सेफ्टी ऐसोसीएटों के तौर पर भर्ती की जायेगी। ये इंजीनियर पंजाब भर में सडक़ों और राजमार्गों पर यातायात के प्रवाह को सुचारू और सुरक्षित बनाए रखने में सहायक बनेंगे।