CHANDIGARH: देश के 17 संस्कृत विश्वविद्यालय पहली बार अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2020 के साथ जुड़ेंगे और विश्व के कोने-कोने में इन विश्वविद्यालयों के कार्यक्रमों को आनलाईन देखा जा सकेगा। राज्य सरकार के प्रयासों से इन विश्वविद्यालयों के माध्यम से पहली बार भगवत गीता के श्लोक प्रत्येक नागरिक तक आनलाईन प्रणाली के माध्यम से पहुंच पाएंगे। अहम पहलू यह है कि देश के 16 विश्वविद्यालयों में 21 से 25 दिसम्बर और महर्षि वाल्मिकी संस्कृत विश्वविद्यालय, मुंडरी में 17 से 25 दिसम्बर तक महोत्सव के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
इस संबंध में जानकारी देते हुए एक प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना काल के समय अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2020 का आयोजन 17 से 25 दिसम्बर तक कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से किया जा रहा है। राज्य सरकार के आदेशानुसार महोत्सव के सभी कार्यक्रम आनलाईन प्रणाली और सोशल मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाए जाएंगे ताकि इस महोत्सव से देश-विदेश से जुड़े श्रद्धालु और पर्यटक घर बैठे महोत्सव के कार्यक्रमों का आनंद ले सके।
उन्होंने बताया कि महोत्सव के साथ देश के 17 संस्कृत विश्वविद्यालयों जिनमें, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू, वाराणसी, जयपुर, गुजरात, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, उतराखंड आदि राज्यों के विद्यार्थी और संस्कृत विशेषज्ञ महोत्सव के साथ जुड़ेंगे। इन विश्वविद्यालयों में 21 से 25 दिसम्बर तक गीता पाठ, हवन यज्ञ, श्लोकाच्चारण आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इन सभी कार्यक्रमों के वीडियो लिंक वेबसाईट पर अपलोड किए जाएंगे ताकि लोग घर बैठे लिंक के माध्यम से कार्यक्रमों को देख सके।
उन्होंने बताया कि महर्षि वाल्मिकी संस्कृत विश्वविद्यालय, मुंडरी द्वारा महोत्सव को लेकर 17 से 25 दिसम्बर तक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थी गीता स्थली ज्योतिसर में पहली बार गीता पाठ और श्लोकाच्चारण करेंगे। इस श्लोकोच्चारण और गीता पाठ का सीधा प्रसारण पूरा विश्व देख सकेगा, उन्होंने बताया कि संस्कृत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा किए गए श्लोकोच्चारण और भजनों को रोजाना ब्रहमसरोवर पर होने वाली सांध्यकालीन आरती से पहले और बाद में देखा और सुना जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि देश के 17 संस्कृत विश्वविद्यालयों द्वारा किये जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में 15 मिनट का वेदमंत्र व 45 मिनट का गीतापारायणम् (अध्यायद्वयं प्रतिदिनम्) होगा। इसके साथ-साथ गीतामभिलक्ष्य विदुषां व्याख्यानम् (त्रिदिवसीयं सम्मेलनम्), गीताश्लोकोच्चारण प्रतियोगिता (त्रय: श्लोका:), भाषण प्रतियोगिता(योग: कर्मसु कौशलम्), स्त्रोतपाठ प्रतियोगिता (श्रीकृष्ण/गीताधारितम्), गीतगान प्रतियोगिता (राष्ट्र/गीता/संस्कृत्याधारितम्), प्रश्नमच: प्रतियोगिता (श्रीकृष्ण/गीताधारितम्), अभिनयनृत्यम् (श्रीकृष्ण/गीताधारितम्) आदि कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जायेगा।