CHANDIGARH, 10 FEB: श्री चैतन्य गौड़ीय मठ, सेक्टर 20 में आज गौड़ीय मठ एवं इस्कॉन जैसी विश्वव्यापी श्री कृष्ण आंदोलन जैसी संस्थाओं के संस्थापक श्री भक्ति सिद्धांत सरस्वती ठाकुर प्रभुपाद जी का 149वां जन्म महोत्सव बड़े हर्षोल्लास एवं विधि पूर्वक मनाया गया।
चैतन्य गौड़ीय मठ चंडीगढ़ के प्रवक्ता जयप्रकाश गुप्ता ने बताया कि विश्वव्यापी हरे कृष्ण आंदोलन के प्रणेता एवं 100 करोड़ हरि नाम का जाप करने वाले महान वैष्णवसंत श्री भक्ति सिद्धांत सरस्वती ठाकुर प्रभु प्रभुपाद की जयंती मनाने के लिए सुबह से ही भक्तों में उमंग जोश भरा हुआ था। मंगला आरती के पश्चात भजन संकीर्तन प्रवचन का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
अखिल भारतीय श्री चैतन्य गौड़ीय मठ संस्थान के वर्तमान आचार्य श्री भक्ति विचार विष्णु जी महाराज जी ने भक्तों को अपने संदेश में संबोधित कहा कि आज ही के दिन विश्व के इस शुद्ध कृष्ण भक्ति के महानायक ठाकुर प्रभुपाद जी इस धरती पर भगवान के पवित्र पूरी धाम में प्रगट हुए। इनके पिता श्री भक्ति विनोद ठाकुर जी उस समय तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात थे। ठाकुर प्रभुपाद बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि मेधावी छात्र थे। छोटी सी 7 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने श्रीमद्भागवत गीता के पूरे श्लोक कंठस्थ कर लिए थे। वह अपने समय के जाने-माने ज्योतिष आचार्य विद्वान माने जाते थे। अति उच्च शिक्षा प्राप्त होने के बावजूद उन्होंने महान वैष्णव संत श्री गौर किशोर दास बाबाजी महाराज जो कि निरक्षर थे।
उन्होंने उनको अपना गुरु बनाया था। 100 करोड़ हरि नाम महामंत्र का जाप करने के पश्चात पूरे विश्व में शुद्ध कृष्णा भक्ति के प्रचार प्रसार के लिए एक ऐसी छत का निर्माण किया, जिसमें बिना किसी रंगभेद धर्म जाति के कोई भी विश्व का व्यक्ति निर्भय होकर कृष्ण भक्ति कर सकता है। आज उनकी ही देन है कि विश्व के कोने-कोने में हरे कृष्ण महामंत्र का नाम गूंज रहा है। पूरे विश्व में 5 हजार से अधिक केंद्रों में शुद्ध कृष्णा भक्ति भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु का संदेश का पालन किया जा रहा है। आज के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भक्तों ने अपने इस महानायक की जन्मदिवस की खुशी पर नृत्य गान संकीर्तन किया तत्पश्चात सैकड़ों भक्तों में स्वादिष्ट भगवान को अर्पित प्रसाद का पान कर आनंद प्राप्त किया।