CHANDIGARH: पंजाब के विभिन्न हिस्सों से म्यूकरमाईकोसिस (ब्लैक फंगस इन्फैकशन) के 111 मामले सामने आए हैं। यह प्रगटावा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने किया। उन्होंने बताया कि इनमें से 25 केस सरकारी स्वास्थ्य सहूलतों में सामने आए हैं, जबकि बाकी 86 विभिन्न निजी अस्पतालों से रिपोर्ट किये गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि यह केस मुख्य तौर पर उन मरीजों में पाये गए हैं जो हाल ही में कोविड-19 से ठीक हुए हैं या जिनकी इमयूनिटी कम है (एचआईवी या कैंसर से पीडि़त हैं) या जो मरीज स्टीरायड/इम्यूनो-माडूलेटरों की सहायता से कोविड से स्वस्थ हुए हैं, वह मरीज जो लम्बे समय से आक्सीजन पर थे या वह लोग जिनकी शुगर काबू से बाहर है।
स. सिद्धू ने कहा कि इस बीमारी के इलाज के लिए एंटी-फंगल दवाओं की जरूरत होती है और इन दवाओं की सप्लाई केंद्र सरकार द्वारा नियमित की जाती है। यहाँ दो मुख्य टीके उपलब्ध हैं जोकि केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को प्रदान किये जा रहे हैं। कोई भी इन दवाओं को सीधे खुले बाजार से नहीं खरीद सकता क्योंकि इनका वितरण भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र में है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार के माहिर समूह ने इलाज प्रोटोकोल को अंतिम रूप दे दिया है और इसका इलाज कर रहे अस्पतालों/डाक्टरों को म्यूकरमाईकोसिस के इलाज प्रोटोकालों के अनुसार सलाह देने के लिए माहिरों की कमेटी बनाई गई है। माहिर कमेटी में डा. आर.पी.एस. सिबिया, प्रोफैसर और प्रमुख मैडिसन विभाग, सरकारी मैडीकल कालेज, पटियाला, डा. संजीव भगत, प्रोफैसर और प्रमुख ईएनटी विभाग, सरकारी मैडीकल कालेज, पटियाला, डा. अवतार सिंह धंजू, एसोसिएट प्रोफैसर और प्रमुख मैडिसन विभाग, सरकारी मैडीकल कालेज, अमृतसर, डा. ए.के. मंडल, डायरैक्टर पलमोनोलाजी, स्लिप एंड क्रिटीकल केयर मैडिसन, फोर्टिस अस्पताल, एस.ए.एस. नगर (मोहाली), डा. मनीश मुंजाल, प्रोफैसर और प्रमुख, ईएनटी विभाग, दयानन्द मैडीकल कालेज, लुधियाना, डा. मेरी जाह्न, प्रोफैसर और प्रमुख, मैडिसन विभाग, क्रिश्चियन मैडीकल कालेज, लुधियाना और डा. गगनदीप सिंह ग्रोवर, स्टेट प्रोग्राम अफसर (आईडीएसपी) कमेटी के कनवीनर के तौर पर शामिल हैं।
उन्होंने आगे कहा कि कोई भी इलाज करने वाला अस्पताल, जिसको इस बीमारी के इलाज के बारे सलाह की जरूरत होती है, वह इस कमेटी के साथ ई -मेल mucorpunjab@gmail.com या मोबाइल नं. 8872090028 (डा. गगनदीप ग्रोवर) के साथ संपर्क कर सकता है। जिस अस्पताल को इंजेक्शन लिपोसोमल ऐमफोटेरीसिन -बी और इंजेक्शन एमफोटेरीसिन -बी की आवश्यकता है, वह भी इस कमेटी के साथ संपर्क कर सकते हैं और यह टीके भारत सरकार की तरफ से भेजे टीकों की उपलब्धता के अनुसार दिए जाएंगे क्योंकि यह दवाएँ भारत सरकार द्वारा नियमित की जाती हैं। हालाँकि, मौजूदा समय सीमित सप्लाई के कारण यह कमेटी इन विनतियों की पड़ताल करेगी और यह यकीनी बनाऐगी कि यह दवा अपेक्षित मात्रा में उन अस्पतालों को मुहैया करवाई जाये जिनको अपने अस्पताल में दाखिल म्यूकरमाईकोसिस (ब्लैक फंगस इन्फैकशन) के मरीजों का इलाज करने के लिए पहल के आधार पर इन टीकों की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि इलाज करने वाली संस्था/डाक्टर की तरफ से इस बीमारी से पीडि़त सभी मरीजों को नोटीफायी करना पड़ेगा क्योंकि यह बीमारी अब पंजाब राज्य में एक नोटीफाईड बीमारी है।
स. बलबीर सिद्धू ने आगे बताया कि म्यूकरमाईकोसिस (ब्लैक फंगस इन्फैकशन) के लक्षणों में चेहरे का दर्द या सूजन, बंद नाक या नाक में से भूरे रंग का पदार्थ निकलना, दाँतों का दर्द, ढ़ीले दाँत, लाली, आँखों में दर्द या सूजन, बुखार, साँस चढऩा, सिर दर्द, अलटरेटिड सैंसोरियम, दोहरी या धुंधली नजर आदि शामिल हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यदि किसी को उपरोक्त कोई भी लक्षण महसूस हो तो उसको तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य सुविधा को सूचित करना चाहिए।