पंजाब में 10 जेल डिप्टी सुपरिंटैंडैंट, 46 सहायक सुपरिंटैंडैंट सहित 960 पदों पर होगी भर्ती

गोइन्दवाल साहिब में केंद्रीय जेल और बठिंडा में महिला जेल बनेगी, 12 जेलों में 12 पेट्रोल पंप किए जाएंगे स्थापित: रंधावा

CHANDIGARH: जेल मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने राज्य की जेलों के ढांचे को मज़बूत करने और जेलों को आत्मनिर्भर करने के लिए बनायी रूप रेखा पेश की। आज यहाँ नये साल के आगमन के अवसर पर जेल विभाग की तरफ से पिछले चार साल के दौरान किये कामों और अगले एक साल के लक्ष्यों के ऐलान सम्बन्धी पंजाब भवन में बुलाई गई प्रैस कॉन्फ्ऱेंस के दौरान स. रंधावा ने कहा कि पंजाब जेल विकास बोर्ड के कामकाज को इस साल कार्यशील किया जायेगा। तेलंगाना राज्य के तजऱ् पर स्थापित किये जाने वाले इस बोर्ड का कामकाज जेल ढांचे को मज़बूत करना है। यह बोर्ड बनाने वाला पंजाब, तेलंगाना के बाद देश का दूसरा राज्य होगा।

जेल मंत्री ने बताया कि तेलंगाना राज्य में इस समय जेलों का बेहतर मॉडल है जिस सम्बन्धी उनके विभाग की तरफ से तेलंगाना के पूर्व डी.जी.पी. (जेल) वी.के.सिंह और आई.आई.एम. रोहतक के डायरैक्टर धीरज शर्मा को सलाहकार नियुक्त किया गया। आज की प्रैस कॉन्फ्ऱेंस के दौरान वी.के.सिंह हाज़र सिंह जिनकी हाजिऱी में बोलते हुए स. रंधावा ने कहा कि पंजाब की जेलों द्वारा तैयार किये गए उत्पादों की टर्नओवर 1.25 से 1.50 करोड़ रुपए सालाना है जबकि पंजाब की अपेक्षा एक-चौथाई कम क्षमता वाली तेलंगाना की जेलों की यही टर्न ओवर 600 करोड़ रुपए सालाना है जिसमें से 550 करोड़ रुपए अकेले पेट्रोल पंपों से कमाए जाते हैं।

उन्होंने कहा कि पंजाब की 12 जेलों में इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंप स्थापित किये जाएंगे।स. रंधावा ने आगे बताया कि जेलों को मज़बूत करने के लिए 960 पदों की भर्ती की जा रही है जिनमें 10 डिप्टी सुपरिडैंट, 46 सहायक सुपरिडैंट, 815 वार्डर और 32 मेट्रन के अलावा क्लर्क और टैक्निकल स्टाफ भी शामिल है। इसी तरह जेलों की क्षमता बढ़ाने के लिए गोइन्दवाल साहिब में केंद्रीय जेल बठिंडा में महिला जेल निर्माण अधीन है।

उन्होंने आगे बताया कि पिछले 20 सालों से बिना वाहन काम कर रहे सुपरिडैंट जेल के लिए सरकारी वाहन मुहैया करवाए जाएंगे।जेल मंत्री ने आगे बताया कि संशोधित पंजाब जेल मैनुअल तैयार करके लागू किया जायेगा। जेलों में आर्टीफिशिल इंटेलिजेंस आधारित सी.सी.टी.वी. निगरानी प्रणाली लागू की जायेगी। बुनियादी ढांचे और संपर्क के लिए अलग-अलग जेलों में 105 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग स्टूडियो तैयार किये जा रहे हैं जहाँ पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की सहायता से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा ट्रायल के लिए नियम जारी किये जाएंगे।

कैदियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा पेशी से राज्य को रोज़ाना 45 लाख रुपए प्रति दिन बचत होगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा स्पांसर बॉडी वॉर्न कैमरों के प्रोजैक्ट को पंजाब की जेलों में पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर लागू किया जायेगा। भारत सरकार की तरफ से इस प्रोजैक्ट के लिए चुने गए 6 राज्यों / केंद्र साशित प्रदेशों में पंजाब एक है। उन्होंने आगे बताया कि मनोवैज्ञानिक पहुँच के द्वारा कैदियों की व्यावहारिक थैरेपी का लक्ष्य निश्चित किया गया है।

स. रंधावा ने पिछले चार सालों के दौरान की गई नयी पहलकदियों बारे रौशनी डालते हुए बताया कि पिछले साल  पंजाब जेल विकास बोर्ड नियम तैयार किये गए। जेलों की सुरक्षा को मज़बूत करने और जेलों के अंदर पाबन्दीशुदा सामान की सप्लाई पर मुकम्मल रोक लगाने के लिए चार केंद्रीय जेलों लुधियाना, कपूरथला, बठिंडा और अमृतसर में सी.आर.पी.एफ. तैनात की गई। 13 जेलों कपूरथला, होशियारपुर, अमृतसर, बठिंडा, लुधियाना, पटियाला, फरीदकोट, फिऱोज़पुर, संगरूर, रोपड़, मुक्तसर, न्यू जेल नाभा और उच्च सुरक्षा जेल नाभा में उच्च सुरक्षा जोन बनाए गए जिनमें गैंगस्टरों और ए केटेगरी के कैदियों की ग़ैर कानूनी गतिविधियों पर पैनी नजऱ रखी जाती है।

कोविड-19 के कठिन समय के दौरान पंजाब की जेलों में महामारी के साथ सफलतापूर्वक निपटा गया। जेलों में 30,000 से अधिक कैदियों और 100 प्रतिशत स्टाफ के कोविड टैस्ट करवाए गए जिनमें से 2000 के करीब कैदियों की रिपोर्ट पॉजि़टिव आई। विस्तृत प्रोटोकॉल लागू किया गया जिसमें रोकथाम, टेस्टिंग और इलाज शामिल है। 7 जेलों को नये मरीज़ों के लिए विशेष जेलों में बदला गया और 6 जेलों को कोविड केयर सेंटरों में बदला गया। जेलों में ज़रूरी चीजें जैसे कि मास्क, सैनीटाईजर, पी.पी.ई. किटें आदि उचित रूप में उपलब्ध करवाई गई।

व्यक्तिगत मुलाकात रद्द की परन्तु उसी समय वीडियो मुलाकातों के द्वारा अपने रिश्तेदारों के साथ बातचीत करने का विकल्प दिया गया। कैदियों के उनके रिश्तेदारों द्वारा ऑनलाइन साधनों के द्वारा ई-पर्सखाते में पैसे ट्रांसफर करने का विकल्प दिया गया।जेल मंत्री ने आगे बताया कि पिछले दो सालों के दौरान 735 वार्डरों और 87 मैट्रनों की भर्ती की गई जिनमें से साल 2017 में 525 वार्डर और 32 मेट्रन और साल 2018 में 210 वार्डर और 57 मैट्रनों की भर्ती शामिल थी।

पंजाब की जेलों में कैदियों के डाटाबेस की संभाल और अपग्रडेशन की गई। साल 2018 में 90 लाख रुपए के हार्डवेयर की खरीद की गई है। साल 2020 में 1.47 करोड़ रुपए के कंप्यूटर हार्डवेयर का सामान खरीदने का आर्डर दिया।स. रंधावा ने आगे बताया कि पाबन्दीशुदा सामान की खोज के लिए जेलों के उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्रों में 20 ऐक्स-रे बैगेज़ मशीनें लगाई गईं। जेलों के प्रवेश द्वार पर पाबन्दीशुदा सामान की खोज के लिए 30 डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर और 83 हैंड हैल्ड मेटल डिटेक्टर खऱीदे गए।

जेलों के महत्वपूर्ण स्थानों पर कैदियों की निगरानी के लिए 502 सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए गए। साल 2019 में तीन अन्य नयी जेलोंं केंद्रीय जेल अमृतसर, केंद्रीय जेल बठिंडा और जिला जेल मुक्तसर साहिब के लिए 170 और सी.सी.टी.वी. कैमरे खऱीदे गए। जेल में स्टाफ के निर्विघ्न संचार को यकीनी बनाने के लिए 500 वॉकी-टॉकी सैट खऱीदे गए।

जेलों की सुरक्षा के लिए 310 इनसास राईफल्स और 71 पिस्तौल खऱीदे। आगंतुकों के आराम सम्बन्धी सुविधाएं प्रदान करने के लिए 9 जेलों पंजाब राज्य केंद्रीय जेल, लुधियाना, होशियारपुर, फिऱोज़पुर, कपूरथला, पटियाला, अमृतसर, संगरूर, न्यू जेल नाभा और महिला जेल लुधियाना में वेटिंग हॉल बनाए गए।इस मौके पर प्रमुख सचिव जेल डी.के. तिवारी, ए.डी.जी.पी. जेल पी.के. सिन्हा और आई.जी. जेल आर.के. अरोड़ा भी उपस्थित थे।

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