CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस में पहले अध्यक्ष पद से हटने और फिर प्रदेश कमेटी के गठन में अपने नजदीकियों को जगह न मिलने से नाराज पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा के सियासी हमलों व आरोपों का मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चावला ने तो कोई सार्वजनिक जवाब नहीं दिया है लेकिन छाबड़ा-चावला के बीच शीतयुद्ध से पार्टी की छवि पर पड़ रहे असर को देखते हुए चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जरूर छाबड़ा के खिलाफ खुलकर मैदान में आ गए हैं। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठतम नेता डीडी जिंदल ने आज प्रदीप छाबड़ा को एक पत्र लिखकर ऐसा जवाब दिया है, जिससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ छाबड़ा की बयानबाजियों पर अब पार्टी गम्भीर हो गई है और छाबड़ा-चावला के बीच शीतयुद्ध नहीं थमा तो पार्टी इस मामले में जल्द कोई कड़ा निर्णय ले सकती है।
आपको बता दें कि डीडी जिंदल चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के उन वरिष्ठतम नेताओं में शुमार होते हैं, जिन्हें चंडीगढ़ में कांग्रेस के पहली पंक्ति का नेता और थिंक टैंक माना जाता है लेकिन आम तौर पर मीडिया की सुर्खियों और बयानबाजी से बराबर दूरी रखते हैं। ऐसे में अब चावला-छाबड़ा के शीतयुद्ध के बीच छाबड़ा को लिखे उनके पत्र के मायने महत्वपूर्ण हो जाते हैं। जिंदल ने अपने पत्र में प्रदीप छाबड़ा को उस बूथ घोटाले की भी याद दिलाई है, जिसको लेकर भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ चंडीगढ़ से दिल्ली तक हंगामा खड़ा कर दिया था। डीडी जिंदल ने छाबड़ा के करीबी प्रदेश कांग्रेस महासचिव रहे संदीप भारद्वाज को लेकर भी नाम लिखे बिना सवाल खड़े कर दिए हैं। ये वही संदीप भारद्वाज हैं, जिन्हें प्रदेश कांग्रेस की नई कमेटी से बाहर कर दिया गया। इसको लेकर उन्होंने पूर्व केन्द्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल पर सीधा हमला बोला और एक दिन पहले उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। प्रदीप छाबड़ा को डीडी जिंदल ने जो पत्र लिखा है, उसे हम यहां हु-ब-हू प्रकाशित कर रहे हैं। पढ़िए…..