NEW DELHI: भारतीय रेलवे भारत की सबसे शानदार परिवहन व्यवस्था में शामिल है, जो सुविधा के साथ-साथ भरोसा भी देता है। यही भरोसा रेलवे अभी भी कायम कर रही है। रेलवे यात्री गाड़ियों के अलावा किसान रेल और दूध दुरंतो जैसी भी रेलगाड़ियां चला रही है। इसी के तहत दूध दुरंतो विशेष ट्रेनों ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 से मंगलवार तक राजधानी दिल्ली में सात करोड़ लीटर दूध पहुंचाया है, जो कि इसके शुरू होने के बाद अब तक का सर्वाधिक है।
2020 से पहले नियमित सुपरफास्ट ट्रेन से जोड़ा गया था मिल्क टैंकर
दरअसल आंध्र प्रदेश के रेणिगुंटा से दूध का परिवहन वर्ष 2011-12 में शुरू किया गया था और शुरुआत में मिल्क टैंकरों को नियमित सुपरफास्ट ट्रेन से जोड़ा गया था। तब से, दूध का परिवहन नियमित रूप से दिल्ली में किया गया है, लेकिन प्रत्येक वित्तीय वर्ष में लगभग 2 से 3 करोड़ लीटर का परिवहन होता था। हालांकि मांग में वृद्धि के बाद बीते वित्त वर्ष यानी 2019-20 में 4.4 करोड़ लीटर परिवहन किया गया था।
26 मार्च 2020 को हुई थी दूध दुरंतो ट्रेन की शुरुआत लेकिन 2020 की शुरुआत में कोरोना और लॉकडाउन की वजह से रेलगाड़ियां बंद हो गई है। ऐसे में रेलवे ने दूध के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया। इसी के तहत 26 मार्च से सप्ताह में एक या दो दिन के दूध दुरंतो ट्रेन का संचालन किया गया। बाद में बढ़ती मांग के कारण इन ट्रेनों को पिछले वर्ष 15 जुलाई से दैनिक आधार पर संचालित किया गया था और आज भी जारी है।
296 ट्रिप में 1,753 दूध के टैंकरों के साथ 7 करोड़ लीटर की पूर्ति
दूध दुरंतो स्पेशल ट्रेन आंध्र प्रदेश के रेनिगुंटा रेलवे जंक्शन से हजरत निजामुद्दीन के बीच 2,300 किमी की दूरी 30 घंटे के कम समय में कवर किया जा रहा है। रेलवे के मुताबिक दूध दुरंतो स्पेशल में सामान्य रूप से दूध से भरे छह टैंकर लगाए जाते हैं। प्रत्येक टैंकर में 40 हजार लीटर से अधिक दूध होता है, यानी एक ट्रेन में कुल मिलाकर 2.40 लाख लीटर दूध होता है। चालू वित्त वर्ष में अब तक लगभग 296 ट्रिप में 1,753 दूध के टैंकरों के साथ संचालित की गई है, जिसने 7 करोड़ लीटर दूध का विधिवत परिवहन किया है, जो कि स्थापना के बाद से किसी भी वित्तीय वर्ष में अब तक का सर्वाधिक लोड है। ~(PBNS)