ANews Office: 30 नवम्बर सोमवार को वर्ष-2020 का आखिरी चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को पड़ने वाला यह ग्रहण रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि में लगेगा। इस बार ये चंद्रग्रहण बेहद खास माना जा रहा है। क्योंकि इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा भी है। इस दिन कार्तिक स्नान खत्म होगा। इसके अलावा इसी दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का 551वां जन्मदिन भी मनाया जाएगा। इस बार वृष राशि में लगने वाला चंद्र ग्रहण उपच्छाया है, जिसे पेनुमब्रल भी कहते हैं। इस चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 21 मिनट होगी, जो भारत, अमेरिका, प्रशांत महासागर, एशिया और आस्ट्रेलिया में दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण की वैज्ञानिक के साथ-साथ धार्मिक मान्यता भी है। वैज्ञानिक इसे महज सामान्य खगोलीय घटना बताते हैं, जबकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसका असर मनुष्यों के जीवन पर पड़ता है। भारत में कोई भी ग्रहण लगने पर ज्योतिष में उसका असर बताने की प्रथा सदियों से प्रचलित रही है और लगभग हर भारतीय विश्वास करे या न करे, फिर भी अपने बारे में जानने की उत्सुकता बनी रहती है। विज्ञान इसे खगोलीय घटना मानता है परंतु ज्योतिष शास्त्र इस तथ्य से कब मना करता है? खगोल विज्ञान ग्रहण का विभिन्न लोगों पर इसका प्रभाव नहीं बता सकता, वैदिक शास्त्र सदियों से बताता आ रहा है। चंद्र का संबंध जल से है तो ज्योतिष यह भी बताता है कि ‘फुल मून’ या ‘ब्लू मून’ या चंद्र ग्रहण पर सुनामी या आज वर्तमान में ‘निवार‘ नामक चक्रवात की तरह ऐसे समुद्री तूफान या भूकंप या प्राकृतिक आपदाएं कब औेर क्यों आएंगे। ग्रहणों पर भविष्यवाणियों का आधार मेदनीय ज्योतिष होता है। व्यक्तिगत तौर पर आपके जन्मांक, दशा आदि पर भी ध्यान रखना होगा।
वर्ष-2020 में कब-कब पड़े ग्रहण
10 जनवरी- चंद्र ग्रहण
5 जून- चंद्र ग्रहण
21 जून- सूर्य ग्रहण
5 जुलाई- चंद्र ग्रहण
30 नवंबर-चंद्र ग्रहण
14 दिसम्बर- सूर्य ग्रहण
चौथा चंद्र ग्रहण 30 नवम्बर को
ग्रहण प्रारंभ – 30 नवम्बर दोपहर 1 बजकर 4 मिनट
ग्रहण मध्यकाल – 30 नवम्बर दोपहर 3 बजकर 13 मिनट
ग्रहण समाप्त – 30 नवम्बर शाम 5 बजकर 22 मिनट
सूतक काल है या नहीं?
30 नवम्बर को पड़ने वाला ग्रहण एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है, अर्थात इसका कोई सूतक काल नहीं होगा। दरअसल, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस ग्रहण का कोई सूतक काल नहीं होता, वह ज्यादा प्रभावशाली नहीं होता।
क्या होता है उपच्छाया चंद्रग्रहण
पूर्ण और आंशिक ग्रहण के अलावा एक उपच्छाया ग्रहण भी होता है। उपच्छाया चंद्र ग्रहण ऐसी स्थिति को कहा जाता है जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया न पड़कर उसकी उपच्छाया मात्र पड़ती है। इसमें चंद्रमा पर एक धुंधली सी छाया नजर आती है। इस घटना में पृथ्वी की उपच्छाया में प्रवेश करने से चंद्रमा की छवि धूमिल दिखाई देती है। कोई भी चन्द्रग्रहण जब भी आरंभ होता है तो ग्रहण से पहले चंद्रमा पृथ्वी की परछाई में प्रवेश करता है, जिससे उसकी छवि कुछ मंद पड़ जाती है तथा चंद्रमा का प्रभाव मलीन पड़ जाता है, जिसे उपच्छाया कहते हैं। इस दिन चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक कक्षा में प्रवेश नहीं करेंगे। अतः इसे ग्रहण नहीं कहा जाएगा।
चंद्र ग्रहण की धार्मिक मान्यता
इस बार चंद्र ग्रहण वृष राशि और रोहिणी नक्षत्र में लगने जा रहा है। रोहिणी नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है, जो इस दिन वृष राशि में गोचर कर रहा होगा। यह ग्रहण वृष राशि में है। इसका सर्वाधिक प्रभाव वृष राशि के जातकों पर देखने को मिलेगा। इस राशि के जातक को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। चन्द्र मन व माता का कारक होने से उन्हें अपनी माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। साथ ही स्वयं को मानसिक तनाव से दूर रखना होगा। वृषभ राशि पर होने से कृष्ण मंत्र लाभदायक है। गर्भवती स्त्रियां ग्रहण के दौरान बाहर न निकलें। ग्रहण से पूर्व सभी भोजन में तुलसी पत्ता जरूर डाल दें या पहले ही भोजन कर लें। ग्रहण के बाद स्नान करके ही कोई शुभ कार्य करें। चंद्र ग्रहण को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। इसी कारण जब भी चंद्रमा पर ग्रहण लगता है तो इसका सीधा असर मन पर होता है। चंद्र ग्रहण का असर उन लोगों पर अधिक पड़ता है, जिनकी कुंडली में चंद्र ग्रहण पीड़ित हो या उनकी कुंडली में चंद्र ग्रहण दोष बन रहा है। इतना ही नहीं, चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा पानी को अपनी ओर आकर्षित करता है, जिससे समुद्र में बड़ी-बड़ी लहरें काफी ऊंचाई तक उठने लगती हैं। चंद्रमा को ग्रहण के समय अत्यधिक पीड़ा से गुजरना पड़ता है। इसी कारण से चंद्र ग्रहण के समय हवन, यज्ञ, और मंत्र जाप आदि किए जाते हैं।
चंद्र ग्रहण का असरः चंद्र राशि के अनुसार कैसा रहेगा आपका आने वाला समय, क्या करें उपाय?
शुभ फल: कुंभ, तुला, मीन, कर्क
मध्यम फल: मेष, कन्या, मिथुन, सिंह
अशुभ फल: मकर, वृश्चिक, वृष, धनु
मेषः चंद्र ग्रहण आपकी खुशियों को कई गुना बढ़ाएगा। उत्साह, उमंग एवं आकर्षण बढ़ेगा। निजी जीवन में प्रेम और उल्लास रहेगा। उल्लेखनीय प्रयासों को बल मिलेगा। आरम्भ में कार्य व्यापार एवं लाभ का प्रतिशत अच्छा रहेगा। स्थायित्व बढ़ेगा। मध्य में अनुशासन अपनाएं। मध्यम फलदायक होगा। पराक्रम में वृद्धि होगी। हालांकि परिवार में किसी सदस्य को कष्ट हो सकता है। आप किसी यात्रा पर जा सकते हैं। इस यात्रा का आपको लाभ मिलेगा। चंद्र ग्रहण मिलाजुला असर लेकर आएगा। इस ग्रहण की वजह से पराक्रम में वृद्धि होगी लेकिन परिवार में किसी सदस्य को कोई कष्ट हो सकता है। आपको अपनी मेहनत के अनुसार धन लाभ जरूर होगा। आपकी आर्थिक स्थिति ठीक रहेगी। कमाई का नया साधन मिल सकता है। धातु और रत्न आदि से जुड़े लोगों को इस ग्रहण से काफी अच्छे लाभ मिल सकते हैं। आप हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर पाएंगे। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। परिवार और ससुराल पक्ष से सहयोग मिलेगा।
उपायः ग्रहण के बाद दूध, चावल, सात अनाज, सफेद खाद्य सामग्री का दान करें ,महाभैरव की पूजा करें।
वृषः अपने चेहरे का ख्याल रखना चाहिए। मन विचलित हो सकता है। धर्म के प्रति आपकी आस्था कुछ कम हो सकती है। मान-सम्मान पाने के लिए आपको खुद कोशिशें करनी पड़ेंगी। प्रेम-संबंध अनोखे ढंग से मनाने की कोशिश में रहेंगे। मित्रों और प्रियजनों से खुशियां कई गुना होंगी। कारोबारी प्रतिस्पर्धा में आगे रहेंगे। आर्थिक लाभ अच्छा बना रहेगा। मूल्यवान वस्तुओं की खरीद करेंगे। भूमि-भवन के मामले बनेंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। धन का नुकसान हो सकता है। इस समय आप अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें, अन्यथा आपका परिवार में या बाहर लड़ाई-झगड़ा हो सकता है। ससुराल पक्ष के साथ संबंधों को लेकर सावधान रहें, आपका वहां भी विवाद हो सकता है। विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
उपायः ग्रहण के बाद दूध, चावल, सात अनाज, सफेद खाद्य सामग्री का दान करें, श्री विष्णु की उपासना करें।
मिथुनः चंद्र ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव मिथुन राशि पर ही देखने को मिलेगा। मिथुन राशि के लिए चंद्र ग्रहण अच्छा प्रभाव लेकर नहीं आया है। इस राशि के जातकों को इस ग्रहण की वजह से मानसिक कष्ट या परिवार में कलह झेलनी पड़ सकती है। ये ग्रहण आपके बारहवें स्थान पर लगा है और कुंडली में बारहवां स्थान शैया सुख, विदेश यात्रा और व्यय से संबंध रखता है। आपकी आर्थिक स्थिति कुछ डावांडोल हो सकती है। किसी विदेश यात्रा पर जाना पड़ सकता है। पैसों के मामले में सावधानी बरतनी चाहिए। लेन-देन से बचना चाहिए। खर्चों पर कंट्रोल करना चाहिए। भाग्यबल से आगे रहेंगे। सभ्यता संस्कार और श्रेष्ठता से सभी को प्रभावित करेंगे। सौंदर्यबोध और सामंजस्य बढ़ेगा। भौतिक संसाधनों में वृद्धि होगी। नवीन भवन एवं वाहन की प्राप्ति संभव है। यह प्रभाव बहुत अच्छा नहीं होगा। हो सकता है कि आपको मानसिक कष्टों से गुजरना पड़े। परिवार में किसी का स्वास्थ्य भी खराब हो सकता है। परिजनों से आपका झगड़ा भी हो सकता है। इस राशि के लोगों के अपने जीवनसाथी से भी झगड़े हो सकते हैं। मानसिक तनाव हो सकता है। इस दौरान कुछ कार्यों में सफलता विलंब से मिल सकती है। धैर्य न खोएं और वाणी को मधुर बनाएं, वाणी दोष के कारण हानि उठानी पड़ सकती है। घर के किसी सदस्य की तबीयत को लेकर चिंता बनी रहेगी।
उपायः ग्रहण के बाद दूध, चावल, सात अनाज, सफेद खाद्य सामग्री का दान करें, हनुमान जी की पूजा करें।
कर्कः चंद्र ग्रहण प्रभावशाली रहेगा। ग्रहण आपके बारहवें भाव में लगने जा रहा है। इसके चलते आपके खर्च बढ़ सकते हैं। बिना किसी कारण भी आपको यात्रा पर जाना पड़ सकता है। इससे आपको कष्ट होगा। खर्च में बढ़ोत्तरी हो सकती है। अगर आप जॉब करते हैं तो आपको जल्द ही किसी उच्च पद की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होना भी निश्चित है। पिता की सम्पत्ति से लाभ मिलेगा। खुशी बनी रहेगी। घरेलू मामलों में रुचि लेंगे। कार्य- व्यापार पर पूरा फोकस रहेगा। मूल्यवान वस्तुओं के संग्रह में रुचि रहेगी। साहस, पराक्रम और संपर्क अच्छा रहेगा। परिजनों के साथ स्मरणीय पलों को सांझा करेंगे। बंधुजनों में करीबी बढ़ेगी।
उपायः ग्रहण के बाद दूध, चावल, सात अनाज, सफेद खाद्य सामग्री का दान करें, महालक्ष्मी जी की पूजा करें।
सिंहः आपको अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। हो सकता है कि आपकी आय में इजाफा हो जाए। धन प्राप्ति के योग हैं। परिवार में भी किसी से उपहार मिल सकता है। प्रेम संबंधों के लिहाज से समय अच्छा नहीं है। आपका प्रेमी से झगड़ा हो सकता है, इसलिए सावधान रहें। पिता को भी तरक्की के लिए कोशिशें जारी रखनी होगी। कृषि संबंधी कार्य करते हैं तो कोई भी फैसला अनुभवी की राय से लें। इसके अलावा वैद्य या डॉक्टर्स को भी अपने काम में सावधानी बरतने की जरूरत है। चंद्र ग्रहण से पहले धनधान्य संग्रह, दिखावे पर जोर रहेगा। जिम्मेदारियों के बखूबी निवर्हन से अपनों का भरोसा जीतेंगे। उत्सव आयोजन की रौनक बन सकते हैं। पहल एवं पराक्रम में आगे रहेंगे। तार्किक एवं वाणिज्यिक मामले बेहतर रहेंगे। शुभ सूचनाएं सांझा करेंगे। धैर्य से काम लें।
उपायः ग्रहण के बाद दूध, चावल, सात अनाज, सफेद खाद्य सामग्री का दान करें, मां दुर्गा की पूजा करें।
कन्याः चंद्र ग्रहण से पहले महत्वपूर्ण कार्य निपटा लें। मान-सम्मान पहले की तरह बना रहेगा। वाणी पर काबू रखें, परेशानी उठानी पड़ सकती है। जो लोग जॉब में हैं और बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, उन्हें कुछ परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान क्रोध न करें। अधिक बोलने से बचें। खर्चों पर नियंत्रण करें। यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। असर मिला-जुला रहने वाला है। इस समय अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। विज्ञान से जुड़े लोगों को विशेष तौर पर अपनी मेहनत का फल मिलेगा। गुरु और पिता से सहयोग मिलेगा। दान-धर्म के कार्यों में सहयोग देने से शुभ फल मिलेंगे। कार्यालय में अधिकारियों से सामंजस्य बना रहेगा लेकिन परिवार में तालमेल बिगड़ सकता है। स्वास्थ्य की तरफ विशेष ध्यान दें, अभी स्वास्थ्य खराब हो सकता है।
उपायः ग्रहण के बाद दूध, चावल, सात अनाज, सफेद खाद्य सामग्री का दान करें, भगवान शंकर की पूजा करें।
तुलाः परीक्षा प्रतियोगिता में सहायक है। घर और आसपास के वातावरण को बेहतर बनाने, सजाने की सोच रहेगी। सृजनात्मकता और सौंदर्यबोध को बल मिलेगा। अपनों को सरप्राइज कर सकते हैं। रिश्तों में मिठास बढ़ाएंगे। कार्य- व्यापार एवं लाभ उत्तम बना रहेगा। बर्हिमुखता बढ़ेगी। ग्रहण से पहले सतर्कता रखें, काम बिगड़ सकते हैं। पराक्रम सामान्य रहेगा। परिवार में व्यर्थ के वाद-विवाद से बचें। आपका लोगों से मतभेद हो सकता है। ग्रहण कुछ अच्छा समय लेकर नहीं आ रहा है। तीर्थ यात्रा पर भी जा सकते हैं। बौद्धिक क्षमता में बढ़ोतरी होगी। संतुलित आहार आपकी सेहत को ठीक रखेगा। ग्रहण से पहले दान-धर्म के कार्यों से लाभ होगा। परिजनों के साथ श्रेष्ठ पल सांझा करेंगे। व्यक्तित्व प्रभावी और आकर्षक रहेगा। मेलजोल बढ़ाने और भेंट वार्ताओं में रुचि लेंगे। अनोखे प्रयासों से प्रियजनों को अचंभित कर सकते हैं। जिम्मेदारियों के प्रति सजग रहेंगे।
उपायः ग्रहण के बाद दूध, चावल, सात अनाज, सफेद खाद्य सामग्री का दान करें, गायत्री की साधना करनी चाहिए।
वृश्चिकः जीवनसाथी से अनबन हो सकती है। वैवाहिक जीवन में कोई तीसरा व्यक्ति मुश्किलें खड़ी कर सकता है। ऐसे लोगों से सावधान रहें। आप सांझेदारी में काम कर रहे हैं तो आपकी भागीदारी बढ़ सकती है। पैसों के मामले में सतर्कता बरतनी चाहिए। काम बढ़ाने के लिए कर्ज लेना पड़ सकता है। आपको इस दौरान सबके साथ अच्छा व्यवहार बनाकर रखना चाहिए। श्रेष्ठ वस्तुओं के संग्रह में रुचि रहेगी। जीवन स्तर बढ़ाने पर जोर रहेगा। व्यक्तित्व प्रभावी एवं आकर्षक रहेगा। रिश्तों को बल मिलेगा। ग्रहण से पहले आर्थिक लाभ के अवसर बढ़ेंगे। बड़ों का सानिध्य और सुख-सौख्य श्रेष्ठता बढ़ाएगा। विवेक बनाए रखें। यह ग्रहण अष्टम भाव में लगने जा रहा है। इससे किसी दुर्घटना का बुरा योग बन रहा है। ऐसे में इस राशि के लोग सावधानी बरतें। धन की हानि भी हो सकती है। ऐसे में सतर्क रहें। परिवार की ओर विशेष ध्यान दें।
उपायः ग्रहण के बाद दूध, चावल, सात अनाज, सफेद खाद्य सामग्री का दान करें, दुर्गा जी की पूजा करें।
धनुः पारिवारिक जीवन में ध्यान देने की जरूरत है। ग्रहण के चलते रिश्तों पर प्रभाव पड़ेगा। यदि आप कारोबारी हैं तो आपका अपने कारोबारी सांझेदार से भी विवाद हो सकता है। ग्रहण किसी दुर्घटना और धन हानि के योग बना रहा है। विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। सेहत को लेकर सावधान रहना होगा। लेनदेन के मामले में सावधानी बरतें। किसी पर जल्द भरोसा करना नुकसानदायक साबित हो सकता है। संतान की शिक्षा को लेकर चिंता हो सकती है। शत्रु आपसे दूरी बनाकर रखेंगे। घर या ऑफिस में आपके नौकर आपके प्रति वफादार रहेंगे। भाग्य की प्रबलता रहेगी। अपनों के कृपा पात्र बने रहेंगे। उम्मीद से अधिक लाभ अर्जित करेंगे। भूभि-भवन, वाहन एवं संपत्ति के मामले बनेंगे।
उपायः ग्रहण के बाद दूध, चावल, सात अनाज, सफेद खाद्य सामग्री का दान करें, भगवान विष्णु की पूजा करें।
मकरः ग्रहण का असर रिश्तों पर पड़ता नजर आ रहा है। परिवार या सहयोगी कारोबारी से आपका विवाद हो सकता है। शत्रुओं से आपको निजात मिलेगी। आपके विरोधी परास्त हो जाएंगे। बाहरी कोई ताकत आपका अहित नहीं कर पाएगी लेकिन आपको सेहत की ओर ध्यान देना होगा। पानी से होने वाले रोगों को लेकर सतर्क रहें। ये ग्रहण आपके पांचवें स्थान पर लगा है और कुंडली में पांचवां स्थान जीवन में विद्या, गुरु, विवेक, रोमांस, ऐश्वर्य, कला, मंत्र-यंत्र, योग, न्याय, जासूसी और संतान से संबंध रखता है। इस चंद्रगहण के प्रभाव से आपको विद्या का पूरा लाभ मिलेगा। ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी। कानूनी मामलों में भी चीजें आपके पक्ष में रहेंगी। संतान से हर तरह का लाभ मिलेगा। जो जासूसी संबंधी काम करते हैं, उन्हें हर तरह से मदद मिलने की उम्मीद है। मेहनत से स्वयं का लाभ प्रतिशत सुनिश्चित करेंगे। कार्य-व्यापार अपेक्षा से अच्छा रहेगा। विभिन्न स्रोतों से धन लाभ होगा। प्रतिस्पर्धियों में आगे रहेंगे। साथियों का साथ और समर्थन उत्साहित रखेगा। मनोबल ऊंचा रहेगा। बेहतर करके दिखाने में यकीन रखेंगे।
उपायः ग्रहण के बाद दूध, चावल, सात अनाज, सफेद खाद्य सामग्री का दान करें, भगवान नृसिंह का ध्यान करना चाहिए।
कुंभः चंद्र ग्रहण शुभ फलदायक है। यदि आपकी संतान पढ़ाई कर रही है तो उसे पढ़ाई में सफलता मिलेगी। प्रेम संबंधों के लिए भी समय ठीक रहेगा। हालांकि परिवार में किसी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है, इसलिए इसकी ओर ध्यान दें। चंद्र ग्रहण शुभ फलदायक है। प्रेम संबंधों के लिए भी समय ठीक रहेगा। आप बुजुर्ग हैं तो आपके लिए ये ग्रहण काफी अच्छा है। इस दौरान किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। माता से लगाव बना रहेगा। आपको भूमि, भवन और वाहन का लाभ मिलेगा। शुभ समाचार मिलने के योग हैं। परिवार में उत्सव आनंद बना रहेगा। अप्रत्याशित लाभ खुशियों को कई गुना बढ़ाएगा। अपनों से नजदीकी बढ़ेगी। साज-संवार पर जोर रहेगा, निसंकोच आगे बढ़ें।
उपायः ग्रहण के बाद दूध, चावल, सात अनाज, सफेद खाद्य सामग्री का दान करें, भगवान विष्णु की पूजा करें।
मीनः यह ग्रहण मिले-जुले परिणाम देगा। एक तरफ आपका स्वास्थ्य गड़बड़ रहेगा तो दूसरी तरफ आपको लेनदेन या सौदे में सफलता मिलेगी। भूमि या भवन बेचते समय ध्यान रखना होगा। व्यापार में सफलता के योग बनते नजर आ रहे हैं। भाई-बहनों का पूरा सहयोग मिलेगा। किसी के सामने अपनी बात रखने के लिए ये समय अच्छा है। आपके पराक्रम से लोग प्रभावित होंगे। पढ़ाई-लिखाई में भी आप आगे रहेंगे। जो लोग नृत्य और गायन कला से जुड़े हैं, उनके लिए भी ये ग्रहण शुभ फल देने वाला होगा। सामंजस्य और सांझा प्रयासों से अपनों के साथ को यादगार बनाएंगे। रक्त संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी। परिजनों, प्रियजनों के साथ स्मरणीय पल सांझा करेंगे। भाग्य की कृपा से सब कार्य सधेंगे। भूमि भवन के मामले बनेंगे। शुभ कार्यों में खर्च और निवेश बढ़ सकता है। अनुशासन और आदरभाव रखें।
उपायः ग्रहण के बाद दूध, चावल, सात अनाज, सफेद खाद्य सामग्री का दान करें, श्री गणेश भगवान की पूजा करें।
ग्रहण का भारत पर असर
यह ग्रहण शनि की राशि कुंभ लग्न में पड़ रहा है। लग्नेश स्वराशि का होकर द्वादश भाव में नीच भंग गुरु के साथ होने से भारत के बाहरी संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी। भारत भी मजबूत नेतृत्व में सूक्ष्मजीव कोरोना से लड़ने में सक्षम नजर आता दिखाई देगा। चतुर्थ भाव में चन्द्र के साथ राहु होने से जनता में मानसिक तनाव रहेगा लेकिन उस भाव का स्वाती शुक्र स्वराशि का होने से भाग्यबल द्वारा समस्याओं का निदान भी होगा। देश के कर्णधारों की वाणी का प्रभाव असरकारक होगा। रोगों से लड़ने की ताकत पैदा होगी।
-मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्, 458 सैक्टर-10, पंचकूला, फोनः 9815619620
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