CHANDIGARH: भारतीय सेना की ताकत को कई गुना बढ़ा देने वाले फाइटर जैट राफेल को आज औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल कर लिया गया। इसके लिए यहां अम्बाला एयरफोर्स स्टेशन पर आयोजित किए गए शानदार समारोह में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
राफेल को फ्रांस से खरीदा गया है। 43 दिन पहले 5 राफेल जैट की पहली खेप भारत पहुंची थी। इनको यहां अम्बाला एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात किया गया है। भारतीय वायुसेना में राफेल को शामिल किए जाने से पहले भारत व फ्रांस के रक्षा मंत्रियों की मौजूदगी में सर्वधर्म यानी हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्म के अनुसार पूजा-अर्चना की गई। उसके बाद एयर-शो हुआ, जिसमें राफेल ने आसमान में ताकत दिखाई। फिर लैंडिंग के बाद वाटर कैनन सैल्यूट दिया गया।
17 गोल्डन एयरो स्क्वाड्रन में शामिल हुए हैं राफेल
राफेल को भारतीय वायु सेना की अम्बाला स्थित 17 गोल्डन एयरो स्क्वॉड्रन में शामिल किया गया है। 17 साल बाद देश का कोई रक्षा मंत्री अम्बाला एयरफोर्स स्टेशन पर किसी बड़े समारोह में शामिल हुआ। इससे पहले अगस्त 2003 में एनडीए सरकार में ही रक्षा मंत्री रहे जॉर्ज फर्नांडिस ने अपनी 73 वर्ष की उम्र में अम्बाला से मिग-21 बाइसन में उड़ान भरी थी।
राफेल की खूबियों पर एक नजर
- राफेल ट्विन इंजन, डेल्टा-विंग, सेमी स्टील्थ कैपेबिलिटीज के साथ चौथी जेनरेशन का सबसे फुर्तीला विमान है। इससे परमाणु हमला भी किया जा सकता है।
- इसमें 12. राउंड के साथ 30 एमएम की कैनन जैसे आधुनिक हथियार भी हैं। ये एक बार में साढ़े 9 हजार किलो सामान ले जा सकता है।
- खतरे की स्थिति में इसमें लगा रडार वॉर्निंग रिसीवर, लेजर वॉर्निंग और मिसाइल एप्रोच वॉर्निंग सिस्टम अलर्ट हो जाता है और रडार को जाम करने से बचाता है। राफेल का रडार सिस्टम 100 किमी के दायरे में भी टारगेट को डिटेक्ट कर लेता है।
- इसमें हवा से हवा में मारने वाली मैजिक-ढ्ढढ्ढ, एमबीडीए मीका आईआर या ईएम और एमबीडीए मीटियर जैसी मिसाइलें हैं। ये हवा में 150 किमी तक के टारगेट को निशाना बना सकती हैं।
- हवा से जमीन में मारने की भी ताकत है। इस फाइटर जेट के आने से भारत की ताकत हिंद महासागर में भी बढ़ेगी।