CHANDIGARH: हरियाणा में सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के अन्तिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाएं सितम्बर माह के अंत तक करवा दी जाएंगी। इसके बाद 31 अक्तूबर 2020 से पहले सभी रिजल्ट भी घोषित कर दिए जाएंगे।
यह निर्णय हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में लिया गया। बैठक में राज्य सरकार द्वारा पोषित सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं परीक्षा नियंत्रकों ने हिस्सा लिया। प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालयों की स्नातक एवं स्नातकोत्तर कोर्स के अंतिम वर्ष की कक्षाओं में करीब 2 लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं, जिनका परीक्षाओं मे बैठने का प्रबन्ध किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सिफारिश के अनुसार राज्य सरकार ने भी सहमति प्रदान की है। उच्चतम न्यायालय ने भी अन्तिम वर्ष की परीक्षाएं करवाना अनिवार्य बताया है। उन्होंने जानकारी दी कि सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने विश्वास दिलाया कि कोविड-19 के कारण केंद्रीय सरकार एवं राज्य सरकार की ओर से जो ‘स्टेण्डर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर’ अर्थात ‘मानक संचालन प्रक्रिया’ के निर्देश दिए गए हैं ,उनका पूरी तरह से पालन किया जाएगा। सभी विश्वविद्यालयों में अन्तिम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए कम्पार्टमेंट और रि-अपियर की परीक्षा का भी प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि परीक्षा देने वाले इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को ऑनलाईन या ऑफलाईन तरीके से परीक्षा देने की छूट दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि दूर-दराज के स्थानों से आने वाले विद्यार्थियों के रहने के लिए हॉस्टल की व्यवस्था भी की जाएगी। परीक्षा केन्द्रों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन किया जाएगा।
हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के प्रवक्ता ने आगे बताया कि परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र बहुविकल्पी, संक्षिप्त उत्तर व व्याख्यात्मक उत्तर वाले होंगे।उन्होंने बताया कि जिन विश्वविद्यालयों ने परीक्षाएं पहले ही प्रारम्भ कर दी हैं उनमें से कुछ ने तो परिणाम भी घोषित कर दिए हैं। पिछले वर्ष के विद्यार्थियों की कक्षाओं का ऑनलाईन कार्य तीव्र गति से चल रहा है।सितम्बर मास में परीक्षाओं के साथ-साथ नए एडमिशन भी हो जाएंगे और अक्तूबर 2020 से परिस्थितियों के अनुसार जितना सम्भव हो सकेगा , उतनी सामान्य पढ़ाई प्रारम्भ हो जाएगी। यह भी बताया गया कि जो विद्यार्थी वास्तविक कारणों के कारण परीक्षा नहीं दे सकेंगे उन्हें परीक्षा का एक मौका और दिया जाएगा।