दो जिलाध्यक्षों ने भी अपने पद से दिया त्याग पत्र
CHANDIGARH, 12 JUNE: नगर निगम चुनाव-2021 के परिणाम के बाद चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस में जैसा तय था, वैसा ही हो रहा है। कल शाम को प्रदेश कांग्रेस में अध्यक्ष पद से सुभाष चावला के इस्तीफे के अचानक माने जा रहे घटनाक्रम से आज दोपहर होते-होते असलियत का पर्दा उठना शुरू हो गया। सूत्रों का कहना है कि चावला ने इस्तीफा स्वेच्छा से नहीं दिया है, बल्कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के उस फैसले के चलते दिया है, जिसमें उन्हें तत्काल हटाने की तैयारी कर ली गई। संभवतः आज देर शाम तक नए चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की भी घोषणा हो जाएगी। हमारे सूत्रों ने एक बार फिर कन्फर्म किया है कि कोई नया पेंच नहीं फंसा तो चंडीगढ़ में कांग्रेस की कमान अब पू्र्व डिप्टी मेयर हरमोहिंदर सिंह लक्की संभालेंगे।
इस बीच, मौके की नजाकत को देखते हुए निवर्तमान अध्यक्ष सुभाष चावला के समर्थक पदाधिकारियों के इस्तीफे भी शुरू हो गए हैं। आज सुबह ही मनीमाजरा जिला कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर गिरि व जिला कांग्रेस अध्यक्ष (रूरल) जीत सिंह ने अपने-अपने पद से त्याग पत्र दे दिया। उन्होंने पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, चंडीगढ़ प्रभारी हरीश चौधरी व कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल को भेजे अपने इस्तीफे में कहा है कि वह व्यक्तिगत कारणों से पार्टी में अपना पद छोड़ रहे हैं। रामेश्वर गिरि ने ANews Office को बताया कि उन्होंने नगर निगम चुनाव के परिणाम के बाद ही जिलाध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला को सौंप दिया था लेकिन उन्होंने इस्तीफा मंजूर नहीं किया था। गिरि ने कहा कि अब जब खुद चावला ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है तो उन्होंने भी अपना त्यागपत्र केंद्रीय नेतृत्व को भेज दिया है लेकिन वह पार्टी के साथ हमेशा की तरह जुड़े व खड़े रहेंगे।
इधर, इन दो इस्तीफों के बाद माना जा रहा है कि चावला के कार्यकाल में पदाधिकारी बने अन्य नेता भी आने वाले दिनों में इस्तीफा दे सकते हैं। बता दें कि दो बार चंडीगढ़ के मेयर रहे सुभाष चावला ने कल शाम को अचानक मीडिया को जानकारी दी कि उन्होंने चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि उन्होंने इसके कारण का खुलासा नहीं किया लेकिन उनकी इस घोषणा से चंडीगढ़ में भीषण गर्मी के बीच राजनीतिक पारा भी चढ़ गया। आज दोपहर होते-होते यह भी साफ हो गया कि चावला ने यह इस्तीफा अचानक स्वेच्छा से नहीं, बल्कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की मंशा को जानकर दिया।
बताया जाता है कि हाल ही में जिस तरह एक और कांग्रेस पार्षद ने भाजपा का दामन थाम लिया तथा उसके बाद चावला ने जो प्रतिक्रिया व्यक्त की, फिर पूर्व कांग्रेसी नेता देविंदर सिंह बबला ने भाजपा की तरफ से चावला पर जो पलटवार किया, उस सबकी रिपोर्ट कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के पास भी पहुंच गई। यहां तक कि केंद्रीय नेतृत्व को यह भी सूचना मिली कि चंडीगढ़ में स्थानीय नेतृत्व से खफा कुछ अन्य कांग्रेस पार्षद भी भाजपा से जुड़ सकते हैं तो केंद्रीय नेतृत्व ने सुभाष चावला पर नजर टेढ़ी कर दी। सूत्रों के मुताबिक चावला को इसकी भनक लग गई कि अब उन्हें किसी भी समय चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाया जा सकता है, लिहाजा किरकिरी से बचने के लिए दिल्ली से गाज गिरने से पहले ही सुभाष चावला ने कल शाम को चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी। हालांकि सुभाष चावला को अध्यक्ष पद से हटाने तथा नए अध्यक्ष के नाम का फैसला पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने नगर निगम चुनाव-2021 के बाद फरवरी-2022 में ही कर लिया था लेकिन इस पद से चावला की सम्मानजनक विदाई की खातिर पार्टी उन्हें संगठन चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने तक अध्यक्ष बनाए रखने के मूड में दिख रही थी, पर चंडीगढ़ में कांग्रेस के हाल के घटनाक्रम ने चावला को इससे पहले ही पद छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। इसके बाद चावला फिलहाल चुप्पी साधकर बैठ गए हैं लेकिन पार्टी में नए अध्यक्ष को लेकर हलचल तेज हो गई है।
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