CHANDIGARH: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्सनल वेबसाइट के टि्वटर अकाउंट पर आज सुबह-सुबह हमला किया गया है। चौंकाने वाली यह हरकत किसी विदेशी व्यक्ति ने की है। उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्सनल वेबसाइट का टि्वटर अकाउंट हैक किया है। साथ ही हैकर ने पीएम रिलीफ फंड में दान करने की अपील की। यह दान क्रिप्टो करेंसी बिटक्वाइन में मांगा गया। हालांकि, यह ट्वीट तुरंत डिलीट भी कर दिया गया। इस मामले में ट्विटर ने कहा है कि हम सक्रिय रूप से इस मामले की जांच कर रहे हैं। अभी हमें अन्य ट्विटर हैंडल्स के प्रभावित होने की जानकारी नहीं है।
आज तड़के सवा तीन बजे किया हैक
हैकर ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि यह अकाउंट जॉन विक (hckindia@tutanota.com) ने हैक किया है। हमने पेटीएम मॉल हैक नहीं किया है। ट्विटर ने इस मामले की पुष्टि की है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्सनल वेबसाइट का टि्वटर अकाउंट गुरुवार तड़के सवा तीन बजे हैक किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्सनल वेबसाइट narendramodi.in के ट्विटर अकाउंट @narendramodi_in के 25 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। बता दें कि गत जुलाई में बराक ओबामा समेत कई हस्तियों और कंपनियों के ट्विटर अकाउंट हैक किए गए थे।
जांच कर रहा ट्विटर
ट्विटर ने रॉयटर्स को भेजे अपने बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वेबसाइट का ट्विटर हैंडल हैक होने की जानकारी है। इसकी सुरक्षा के लिए कदम उठाए गए हैं।
पेटीएम मॉल का जिक्र
दरअसल, 30 अगस्त को साइबर सिक्योरिटी फर्म साइबल ने दावा किया था कि पेटीएम मॉल के डेटा चोरी में जॉन विक ग्रुप का ही हाथ था। पेटीएम मॉल यूनीकॉर्न पेटीएम की ई-कॉमर्स कंपनी है। साइबल का दावा था कि इस हैकर ग्रुप ने फिरौती मांगी थी। हालांकि, पेटीएम ने बाद में दावा किया था कि उसके डेटा में कोई सेंधमारी नहीं हुई।
क्या है बिटकॉइन ?
बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी है। इसका लेनदेन सिर्फ ऑनलाइन होता है। इसे दूसरी करेंसी में भी बदला जा सकता है। यह 2009 में चलन में आई थी। अभी एक बिटकॉइन का रेट करीब 8,36,722 रुपए है।
जुलाई में कई हस्तियों के अकाउंट हुए थे हैक
जुलाई में माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स, अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस, टेस्ला के सीईओ एलन मस्क और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा समेत कई नामी हस्तियों के ट्विटर अकाउंट हैक किए गए थे। हैकर्स ने आईफोन कंपनी एपल और कैब सर्विस कंपनी उबर के अकाउंट्स को भी निशाना बनाया था। क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड के लिए हैकर्स ने इनके नाम का सहारा लिया था।
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