ANews Office: सुप्रीम कोर्ट ने आज साफ कर दिया कि कालेजों में फाइनल ईयर के स्टूडैंट्स परीक्षा के बिना पास नहीं किए जाएंगे। कोरोनाकाल में कालेजों की फाइनल ईयर की परीक्षाएं करवाने के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज यह फैसला सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने यूजीसी की गाइडलाइंस को खत्म करने से इंकार करते हुए कहा कि राज्यों को परीक्षा रद्द करने का अधिकार है लेकिन फाइनल ईयर के स्टूडैंट्स बिना परीक्षा के पास नहीं होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने यूजीसी की 6 जुलाई की गाइडलाइंस को सही माना और फाइनल ईयर के कालेज स्टूडैंट्स को राहत देने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की बैंच ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि यह छात्रों के भविष्य का मामला है। इसके साथ ही देश में हायर एजुकेशन के स्टैंडर्ड को भी बनाए रखना जिम्मेदारी है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर राज्यों को लगता है कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए वे अभी परीक्षाएं कराने में असमर्थ हैं तो उन्हें यूजीसी से सलाह लेनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत परीक्षाओं पर फैसला ले सकते हैं, लेकिन छात्रों के भविष्य को देखते हुए यूजीसी से सलाह लेनी होगी।
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