पढ़िए: चावला के इस्तीफे की इनसाइड स्टोरी
CHANDIGARH, 11 JUNE: नगर निगम चुनाव में हार के बाद पार्टी में चौतरफा घिरने और अब निगम चुनाव के दौरान पैसे लेकर टिकट देने के लगे आरोपों के बीच चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला ने आज अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे अपने त्याग पत्र में चावला ने इस तरह पद छोड़ने का क्या कारण बताया है, यह तो उन्होंने स्पष्ट नहीं किया है लेकिन उन्होंने मीडिया को भेजे संदेश में अपने इस्तीफे की घोषणा जरूर कर दी है।
बता दें कि चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव-2021 में पार्टी की जीत के लिए स्थानीय नेतृत्व परिवर्तन की जरूरत जताते हुए सुभाष चावला ने पिछले साल तत्कालीन चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। चावला समेत कुछ अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की इस लॉबिंग का असर यह हुआ कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने फरवरी-2021 में अचानक प्रदीप छाबड़ा को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाकर सुभाष चावला को यहां पार्टी की कमान सौंप दी लेकिन यह नेतृत्व परिवर्तन कांग्रेस को ही भारी पड़ गया। अपनी उपेक्षा से नाराज प्रदीप छाबड़ा ने कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया तो छाबड़ा के कई समर्थक भी कांग्रेस को अलविदा कहकर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। इसका परिणाम यह हुआ कि चंडीगढ़ में हाशिए पर पड़ी आम आदमी पार्टी में अचानक नई ऊर्जा आ गई। AAP इतनी मजबूत हो गई कि नगर निगम चुनाव-2021 में पहली बार उतरकर आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ में सबसे बड़ी पार्टी बन गई। सत्तारूढ़ भाजपा दूसरे नम्बर पर तो कांग्रेस तीसरे नम्बर पर खिसक गई।
इधर, सुभाष चावला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर इस कदर विफल हुए कि पार्टी को एकजुट रखने की उम्मीद पर भी वह खरे नहीं उतर पाए। निगम चुनाव के बाद मेयर चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस की नवनिर्वाचित पार्षद हरप्रीत कौर बबला अपने पति पूर्व पार्षद देविंदर सिंह बबला के साथ भाजपा में शामिल हो गईं। इससे पहले इंटक के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुलबीर सिंह समेत कई अन्य कांग्रेस नेता भी निगम चुनाव के दौरान ही भाजपा में शामिल हो गए। हालांकि पार्षद बबला के भाजपा में जाने के बाद अपना मेयर बनाने का AAP का सपना भी पूरा नहीं हुआ और जोड़तोड़ की राजनीति में भाजपा ने मेयर ही नहीं, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर पद पर भी कब्जा कर लिया।
इसके बाद भी सुभाष चावला की मुश्किलें कम नहीं हुईं। कांग्रेस से टूटकर लोग दूसरे दलों में जाते रहे। एक और कांग्रेसी पार्षद के भाजपा में शामिल हो जाने के ताजा घटनाक्रम ने तो कांग्रेस में तूफान खड़ा कर दिया। इस पर प्रतिक्रिया देकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला ने भाजपा पर जो निशाना साधा, वो चावला को ही उल्टा पड़ गया। क्योंकि इस प्रतिक्रिया की प्रतिक्रिया में पूर्व पार्षद देविंदर सिंह बबला ने ऐसा पलटवार किया कि सुभाष चावला चारों खाने चित्त हो गए। बबला ने अपने बयान में कांग्रेस की इस हालत के लिए सीधे तौर पर सुभाष चावला को जिम्मेदार ठहराते हुए चावला पर निगम चुनाव में पैसे लेकर टिकट बांटने समेत कई गम्भीर आरोप लगा दिए। इसके बाद कांग्रेस में चावला बुरी तरह घिर गए। हालांकि चावला ने निगम चुनाव में हार के बाद ही पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से खुद को चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से मुक्त करने का आग्रह कर दिया था लेकिन पार्टी उन्हें संगठन के नए चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने तक पद पर बनाए रखने के मूड में थी, पर अब बबला के पलटवार से हालात ऐसे बन गए कि चावला को इस्तीफा ही देना पड़ गया।